पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर (Chandrashekhar) के सरकारी आप्त सचिव की ओर से विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखे गए पीत पत्र के बाद से बवाल जारी है. इस मामले में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बुधवार (5 जुलाई) को कहा कि शिक्षा मंत्री और विभागीय प्रधान सचिव में डॉग फाइट करा कर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया. उन्होंने कहा कि इन दोनों को पद से हटाया जाना चाहिए.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मंत्री चंद्रशेखर कभी रामचरितमानस पर जातिवादी टिप्पणी करते हैं, कभी हवाई अड्डे पर उनके सामान में कारतूस बरामद होती है, और कभी मीडिया में प्रचार पाने के लिए वे कुलाधिपति के समक्ष राजनीतिक भाषण करने लगते हैं. ऐसे शिक्षा मंत्री छात्रों को क्या संदेश देंगे?


एक-दूसरे को औकात बताने पर तुले अधिकारी


बीजेपी नेता ने कहा कि शिक्षा विभाग की बर्बादी के लिए लालू प्रसाद के एक बड़बोले विधायक का मंत्री बनना ही काफी था. ऊपर से मुख्यमंत्री ने कोढ़ में खाज की तरह एक बद्जुबान अफसर को इस विभाग का प्रधान सचिव भी बना दिया. अब मंत्री और प्रधान सचिव की लड़ाई में दोनों स्तरों से तुगलकी फरमान जारी हो रहे हैं. दोनों एक-दूसरे को औकात बताने पर तुले हैं. एक पर लालू प्रसाद और दूसरे पर नीतीश कुमार का वरदहस्त है.


'विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 40 फीसद पद खाली'


अधिकारी पर हमला करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि प्रधान सचिव की जुबान ही इस महकमे का कानून है. नीचे के अधिकारी सस्पेंड करने की धमकी और पैंट गीला करने जैसी गाली के बीच कैसे काम कर रहे हैं इसका अनुमान लगाया जा सकता है. नीतीश सरकार की विफलता के चलते राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में सत्र अनियमित है. स्नातक स्तर पर हजारों सीटें खाली रह जाएंगी. छात्र यहां दाखिला नहीं लेना चाहते. विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 40 फीसद पद खाली पड़े हैं.


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