पटना: विपक्षी एकता को लेकर बिहार में सियासत गरमाई है. एक तरफ इस बैठक के लिए जोर शोर से तैयारी हो रही है तो दूसरी ओर सियासी बयानबाजी भी हो रही है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने तीखा हमला करते हुए बुधवार (21 जून) को बयान जारी कर कहा कि विपक्षी एकता बरसाती मेंढकों को तौलने के समान है. एकता के नाम पर हर दल शर्तें थोप रहा है.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मायावती, कुमारस्वामी, केसीआर, नवीन पटनायक, वाईएसआर ने तो पहले ही किनारा कर लिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो बैठक के प्रारंभ में ही संविधान की कक्षा लगाएंगे. अरविंद केजरीवाल की शर्त है कि एकता के पहले अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस समर्थन की घोषणा करे. केजरीवाल ने इस मुद्दे पर सभी को पत्र तक लिख डाला है.
नीतीश कुमार को बताया कमजोर मुख्यमंत्री
23 जून को पटना में होने वाली इस बैठक को लेकर सुशील मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों में एजेंडों को हाईजैक करने की होड़ लगी है. अरविंद केजरीवाल की शर्तों के अलावा शरद पवार न्यूनतम साझा कार्यक्रम, तो नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ एक उम्मीदवार की रणनीति, कांग्रेस बंगाल के पंचायत चुनाव में हिंसा रोकने के एजेंडे पर पहले बात करना चाहती है. उन्होंने कहा कि 44 विधायकों वाले कमजोर मुख्यमंत्री न तो बिखरे हुए जनता परिवार की एका करा पाए और न ही विपक्ष को एक कर पाएंगे.
बता दें कि पटना में 23 जून को 17 से 18 दलों के नेता जुट रहे हैं. आज गुरुवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पटना आने वाली हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी आज ही पटना पहुंचने की खबर है. वहीं राहुल गांधी और अखिलेश यादव 23 जून को ही आएंगे. पटना में सियासी माहौल गर्म है.