पटनाबिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) आज जो भी हैं अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के कारण ही हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहे. नीतीश कुमार जब आडवाणी और अटल बिहार वाजपेयी की प्रशंसा करते हैं तो इनके मन में श्रद्धा भाव कम होता है और बीजेपी में विभाजन करने का प्रयास करते हैं. अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के बाद बुधवार (16 अगस्त) को सुशील मोदी मीडिया से बात कर रहे थे.


सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार कभी नरेंद्र मोदी और अटल बिहारी वाजपेयी की तुलना करते हैं तो कभी नरेंद्र मोदी बनाम लाल कृष्ण आडवाणी. इसमें वो कभी सफल नहीं होंगे क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी की परंपरा को नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं. अगर आप अटल बिहारी वाजपेयी का समर्थन करते हैं तो नरेंद्र मोदी का भी करना होगा. नरेंद्र मोदी कोई अलग नहीं हैं.


नीतीश कुमार पर हमला करते हुए आगे बीजेपी नेता ने कहा- "जब आडवाणी जी को एनडीए का पीएम उम्मीदवार बनाया गया तो नीतीश कुमार ही थे जिन्होंने इस फैसले के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. आज सबसे बड़े समर्थक बन गए. वो तो अजातशत्रु हैं. अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व दल से ऊपर रहा है."


नीतीश के दिल्ली दौरे पर क्या कहा?


इस सवाल पर कि नीतीश कुमार दिल्ली गए हैं और वो वहां केजरीवाल से मिलेंगे. राहुल गांधी से भी मिलने की खबर है. इस पर कहा कि ये लोग उनके साथ के हैं तो वो तो मिलेंगे ही, लेकिन पिछले एक साल में बिहार में कोई भी नई पार्टी महागठबंधन में शामिल नहीं हुई है. उल्टा जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा अलग हो गए. आरसीपी सिंह अलग हो गए. बीजेपी मजबूत हो रही है. बीजेपी के साथ लोग जुड़ रहे हैं.


'20 लाख रोजगार का क्या हुआ?'


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बताएं कि 20 लाख रोजगार का क्या हुआ? पिछले साल उन्होंने गांधी मैदान में घोषणा की थी कि 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देंगे. एक भी व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिली है. जो आंकड़ा दे रहे हैं वो गलत है. एनडीए की सरकार में जिन लोगों को नौकरी मिली थी उन्हें अब नियुक्ति पत्र दे रहे हैं और कह रहे हैं कि 1.50 लाख लोगों को रोजगार दिया. नियोजित शिक्षकों को धोखा दिया. कह रहे हैं कि विचार करेंगे.


राज्यसभा सदस्य ने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है. जब एनडीए सत्ता में थी तो ऐसी कोई घटना नहीं हुई, लेकिन जब आरजेडी सत्ता में आई तो बिहार में अपराधियों को खुली छूट मिल गई. पिछले एक साल में राज्य में हत्या, लूट और बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं. बिगड़ती कानून व्यवस्था से राज्य की जनता भयभीत है.


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