Sushil Kumar Modi On Bihar Caste Census: बिहार (Bihar) में जातीय गणना कराने के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) का बड़ा बयान आया है. सोमवार (28 अगस्त) को उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा देकर स्पष्ट कर दिया कि वह बिहार में जातीय सर्वे कराने के विरुद्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक दृष्टि से इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार में कोई टकराव नहीं है, लेकिन राजद (Rashtriya Janata Dal) और जेडीयू (Janata Dal United) इस पर राजनीति कर रहे हैं.


सेंसस केंद्र का अधिकार- सुशील कुमार मोदी


सुशील कुमार मोदी ने कहा "बिहार सरकार ने बीजेपी (Bharatiya Janata Party) सहित सभी दलों की इच्छा के अनुरूप हाल में 17 सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर जो सर्वेक्षण कराया, वह राज्य सरकार का अधिकार है. केंद्र सरकार ने कभी इसका विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा संविधान के सेंसस ऐक्ट की धारा-3 के अनुसार सेंसस (जनगणना) कराने का अधिकार केवल केंद्र सरकार का है और बीजेपी का भी यही मत है. राज्य सरकार सर्वे करा सकती है."


'थेथरोलॉजी करने वालों को कौन रोक सकता है'


राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने भी कहा कि वह सेंसस (जनगणना) नहीं, सर्वेक्षण करा रही है. उन्होंने कहा कि सेंसस और सर्वे मुद्दे पर केंद्र सरकार के हलफनामा दायर कर संवैधानिक स्थिति स्पष्ट कर देने के बाद किसी को अनर्गल आरोप नहीं लगाना चाहिए, लेकिन थेथरोलॉजी करने वालों को कौन रोक सकता है? बता दें आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएमओ पर बिहार में हो रही जातीय गणना को रोकने का आरोप लगाया था. गौरतलब है कि बिहार में जातीय गणना को लेकर सियासत तेज है.


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