राबड़ी देवी के ‘शासनकाल’ को सुशील मोदी ने बताया काला दौर, कहा- पद पर रहते कौन सा काम किया?
सुशील मोदी ने कहा कि राबड़ी देवी को न महिला होने का सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री बनवाया गया था और न उन्होंने बिहार की बेटियों-महिलाओं के लिए कोई बड़ा काम किया.
पटनाः आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर अक्सर हमलावर रहने वाले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर तंज कसा है. रविवार को उन्होंने ट्वीट तो किया लेकिन इस बार सबसे ज्यादा बातें उन्होंने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बारे में लिखीं और सवाल उठाए.
‘जेपी के बिहार को मजाक का विषय बना दिया गया था’
राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद की चारा घोटाला मामले में जेल जाने की नौबत आई तो सत्ता को परिवार से बाहर जाने से बचाने के लिए पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनवा दिया था. उस समय उनके बच्चे छोटे थे और उन्हें सीएम पद के लिए पार्टी के किसी सीनियर नेता पर भरोसा नहीं था. 24 साल पहले राजनीति से दूर रहने वाली राबड़ी देवी को सीधे बड़े संवैधानिक पद पर बैठा कर जेपी के बिहार को मजाक का विषय बना दिया गया था.
‘काम करने वाली सरकार पर लगा रहे हैं बेतुके आरोप’
25 जुलाई 1997 को राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाकर लालू प्रसाद ने संवैधानिक व्यवस्था में सेंधमारी की थी. वह काला दौर था, जब मुख्यमंत्री ना ऑफिस आती थीं, न कैबिनेट की बैठकें नियमित होती थीं. विधानसभा में मुख्यमंत्री डेढ़-दो मिनट से ज्यादा बोल नहीं पाती थीं. जिन लोगों ने बिहार को ऐसा कुशासन दिया, वे आज राज्य की लगातार काम करने वाली एनडीए सरकार पर बेतुके आरोप लगा रहे हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि राबड़ी देवी को न महिला होने का सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री बनवाया गया था और न उन्होंने बिहार की बेटियों-महिलाओं के लिए कोई बड़ा काम किया. उनके बाद आई एनडीए सरकार ने महिलाओं को पंचायत चुनाव में 50 फीसद आरक्षण और स्कूली छात्राओं को साइकिल-पोशाक योजना का लाभ दिया.
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