पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) जब 15 साल बिहार की सत्ता में रहे, तब जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई गई? वे भूल जाते हैं कि जातीय जनगणना का 06 जून 2022 का निर्णय उस एनडीए सरकार का था, जिसमें भाजपा शामिल थी. शुक्रवार (5 मई) को बयान जारी कर सुशील मोदी ने यह बात कही.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में 15 साल के पति-पत्नी राज में ही नहीं, आज राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल सहित  जिन आधा दर्जन राज्यों में गैर-भाजपा दलों की सरकार हैं, वहां भी जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई गई? उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो पर तंज कसते हुए कहा कि लालू प्रसाद जातीय जनगणना को लेकर अनर्गल बयान देने के बजाय अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें.


अहंकार में नीतीश कुमार ने नहीं माना: सुशील मोदी


सुशील मोदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हर फोरम पर जातीय जनगणना का समर्थन किया. हमने पहले इसके लिए कानून बनाने का सुझाव दिया था, लेकिन अपने अहंकार में आकर नीतीश कुमार ने इसे नहीं माना, जिससे हाईकोर्ट में सरकार की पराजय हुई. कहा कि मुख्यमंत्री ने नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाने के बीजेपी के सुझाव पर भी ऐसा अहंकारी रुख अपनाया था, जिसके कारण हाई कोर्ट को चुनाव प्रक्रिया पर बीच में ही रोक लगानी पड़ी थी.


बीजेपी नेता ने कहा कि उस समय हाई कोर्ट के दबाव में सरकार ने आनन-फानन में जो अति पिछड़ा आयोग बनाया, उसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना और अति पिछड़ों को आरक्षण के मुद्दे पर आरजेडी-जेडीयू सरकार की कुटिल चाल जनता खूब समझ रही है.


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