पेट्रोल-डीजल को अभी GST के दायरे में लाना ठीक नहीं, सुशील कुमार मोदी ने चेताया, सरकार को ही नुकसान
Sushil Kumar Modi Tweet: सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विचार टालना ही उचित होगा. विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी कर रहा है.
पटनाः बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि बिहार सहित अन्य राज्यों को राजस्व की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने के विचार का विरोध करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद जब इस मुद्दे पर केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) के निर्देश पर विचार करने वाली है, तब राज्यों को अपनी बात मजबूती से रखनी चाहिए.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया गया, तो इन वस्तुओं पर कर 75 से घटाकर 28 फीसद करना पड़ेगा. इससे केंद्र और राज्य सरकारों को 4.10 लाख करोड़ के राजस्व से वंचित होना पड़ेगा. इसमें डीजल से 1.10 लाख करोड़ और पेट्रोल से 3 लाख करोड़ की राजस्व हानि होगी. कोविड काल में सरकार इतनी बड़ी राशि की भरपाई नहीं कर पाएगी, जिससे विकास कार्य प्रभावित होंगे.
विपक्ष इस मुद्दे पर कर रहा राजनीतिक बयानबाजी
कोरोना और लॉकडाउन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि 60 करोड़ लोगों के टीकाकरण, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन और अर्थव्यवस्था को कुछ बड़े राहत पैकेज देने जैसे फैसलों से राजस्व संसाधन पर जो दबाव बढ़ा. उसे ध्यान में रखते हुए पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विचार टालना ही उचित होगा. विपक्ष इस मुद्दे पर केवल राजनीतिक बयानबाजी कर रहा है. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके 71वें जन्मदिन की बधाई भी दी.
सुशील कुमार मोदी ने कहा, “प्रधानमंत्री यशस्वी शासन प्रमुख के रूप में अपने 20 वर्ष भी पूरे कर हैं. इसे भाजपा सेवा-समर्पण सप्ताह के रूप में मना रही है. बिहार सरकार ने प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर 30 लाख लोगों के टीकाकरण से रिकॉर्ड बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसे पूरा करने में सबको सहयोग करना चाहिए.”
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