पटना: बिहार में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है. निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैल जाने की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गई है. ऐसे में राज्य सरकार लागतार बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने का काम कर रही है. सोमवार को सुशील मोदी ने गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जिले के सभी बाढ़ प्रभावित प्रखंड के बीजेपी मंडल अध्यक्षों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ समीक्षा बैठक की.
बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, " बाढ़ से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर आश्रित परिवारों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी. गाय, भैंस जैसे बड़े पशुओं के मरने पर 30 हजार और बकरी, भेड़ इत्यादि छोटे पशुओं के मृत्यु होने पर 3 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है."
उन्होंने कहा, "बाढ़ ग्रस्त परिवारों को छह-छह हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी. प्रभावित लोगों की सूचि तैयार की जा रही है. बाढ़ से फसल क्षति का आकलन कर 6,800 रुपये असिंचित क्षेत्र के लिए और 13,500 सिंचित के लिए प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए फसल इनपुट अनुदान दिया जाएगा."
सुशील मोदी ने कहा, "गंडक नदी पर हुए तीन कटाव का मरम्मती कार्य किया जा रहा है. गोपालगंज के बरौली और पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों में हेलीकॉप्टर द्वारा सूखा राशन का एयर ड्रापिंग कराया गया है. गोपालगंज जिले में 9 आपदा राहत केंद्र चलाये जा रहे हैं. 58 कम्युनिटी किचेन के माध्यम से 40 हजार लोगों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है. बरौली प्रखंड से 13 हजार, बैकुंठपुर से 40 हजार और मांझा प्रखंड से 4,500 लोगों को घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है."
मालूम हो कि कल भी सुशील मोदी ने बिहार में बाढ़ और कोरोना की बिगड़ते स्थिति को देखते हुए प्रेस रिलीज जारी कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के जिलाधिकारी को विशेष परिस्थिति में नई नाव खरीदने और सुदूरवर्ती इलाकों में ड्रोन की मदद लेने की अनुमति दी थी. ड्रोन के इस्तेमाल से बाढ़ में किसी के फंसे होने की स्थिति और उसके सही लोकेशन को जानने में सहूलियत होगी.