पटनाः बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं. सोमवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आपदा में राजनीति का अवसर खोजने वाले कांग्रेस-आरजेडी जैसे विपक्षी दल भारतीय वैक्सीन की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठाने या इसका मजाक उड़ाने में लगे रहे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण की गति तेज नहीं हो पाई.


आरजेडी के कितने विधायकों ने वैक्सीन लगवाई


कोई इसे "भाजपा का टीका" कह रहा था तो कोई प्रधानमंत्री को पहले कोवैक्सीन लगवाने की चुनौती दे रहा था. प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी सहित कई खास लोगों ने टीका लगवाकर जनता के बीच विश्वास पैदा किया. उन्होंने तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार पर सवाल उठाने से पहले तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी ने अभी तक कोरोना का टीका क्यों नहीं लिया? आरजेडी के कितने विधायकों ने वैक्सीन लगवाई? आरजेडी क्या ग्रामीणों-गरीबों को टीकाकरण से दूर रख कर उनकी जिंदगी को खतरे में डालना चाहता है?


सुशील मोदी ने आगे एक दूसरे ट्वीट में कहा कि भारत सरकार ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सबसे पहले देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया. दो वैक्सीन साल भर के भीतर तैयार कराई और आज डीआरडीओ ने तीसरी दवा 2-जीडी भी लॉन्च की. केंद्र और राज्य सरकारों ने 114 दिनों में 17 करोड़ डोज देकर सबसे तेज मुफ्त टीकाकरण भी कराया.






मुख्यमंत्री का गुंडे की तरह व्यवहार करना दुर्भाग्यपूर्ण


सुशील मोदी बंगाल को लेकर भी एक बयान दिया. उन्होंने कहा कि नारदा स्टिंग केस में पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों सहित चार नेताओं की गिरफ्तारी के बाद उनके बचाव में टीएमसी का प्रदर्शन और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सीबीआई के दफ्तर पहुंचकर धमकाना देश के संघीय ढांचे पर हमला है. जनादेश का मतलब यह नहीं कि सत्तारूढ़ दल को हर प्रकार के अपराधियों के बचाने का लाइसेंस मिल गया. लालू प्रसाद और जयललिता भी कानून से ऊपर नहीं थे, इसलिए इन्हें जेल जाना पड़ा. उन्होंने कहा कि चुनावी सफलता के अहंकार में एक मुख्यमंत्री का गुंडे की तरह व्यवहार करना दुर्भाग्यपूर्ण है.


यह भी पढ़ें- 


स्ट्रेचर की जगह मरीजों को टांग कर ले जा रहे परिजन, लखीसराय सदर अस्पताल में ढोए जा रहे ईंट-बालू


बिहारः शादीशुदा महिला से प्रेम करता था गांव का युवक, विवाह से इन्कार की बात पर उतारा मौत के घाट