पटना: देश में नए संसद भवन को लेकर बवाल मचा है. विपक्ष के कई दलों ने इसके होने वाले उद्घाटन को लेकर विरोध शुरू कर दिया है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बुधवार (24 मई) को कहा कि नए संसद भवन के शुभारंभ पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से ईर्ष्या-द्वेष की राजनीति करने वाले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बताए कि 17 साल में उन्होंने कितने सरकारी भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन राज्यपाल से कराया?


सुशील मोदी ने कहा कि पटना में विधानमंडल के नए भवन का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री ने किया था और किसी ने उस कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं किया था. उन्होंने कहा कि यदि हिम्मत है तो विपक्ष घोषणा करे कि वह भारतीय अस्मिता और गौरव के प्रतीक नये संसद भवन की कार्यवाही में कभी भाग नहीं लेगा.


'कांग्रेस को कभी राष्ट्रपति की याद क्यों नहीं आई?'


आगे सुशील मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विरोध किया और अपशब्द तक कहे थे, उन्हें आज आदिवासी सम्मान की बड़ी चिंता हो रही है. 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पुराने संसद भवन की एनेक्सी का उद्घाटन किया था. बाद में सांसद राहुल गांधी ने संसद के पुस्तकालय का शिलान्यास किया. कांग्रेस को कभी राष्ट्रपति की याद क्यों नहीं आई?


'नए संसद भवन के उद्घाटन पर नहीं होनी चाहिए राजनीति'


नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सुशील मोदी ने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. आधुनिक सुविधाओं से लैस नए संसद भवन का उद्घाटन महान स्वाधीनता सेनानी वीर सावरकर की जयंती पर हो रहा है. बीजेपी नेता ने कहा कि यूपीए सरकार के समय जयराम रमेश नया संसद भवन बनाने की जरूरत बता रहे थे. जब एनडीए सरकार ने सेंट्रल विस्टा बनाने का निर्णय किया, तब कांग्रेस विरोध में खड़ी हो गई. जो लोग नए संसद भवन के विरोध में सुप्रीम कोर्ट तक गए और पराजित हो कर लौटे, वे अब केवल इसलिए विरोध में हैं कि इस भवन के उद्घाटन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को मिलते नहीं देख सकते.


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