पटना: देश में हुए दो विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है. बीजेपी (BJP) लगातार महागठबंधन पर निशाना साध रही है. इन दिनों बीजेपी से राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी (Sushil Modi) बिहार की राजनीति को लेकर काफी सक्रिय हैं, वो लगातार जेडीयू (JDU) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोल रहे हैं. वहीं, उन्होंने एक बार फिर नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता घटी और आधार वोट पार्टी को दिलाने की उनकी क्षमता खत्म हो गई, इसलिए जदयू 44 सीटों पर सिमट गया, लेकिन वे भाजपा पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. यदि ऐसा था तो अब गोपालगंज, कुढनी और दिल्ली के चुनाव में जेडीयू की हार क्यों हुई?


नीतीश कुमार को 2029 के लिए प्रयास करना चाहिए- सुशील मोदी


सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता की मुहिम में अपनी विफलता स्वीकार कर ली. उन्हें 2024 नहीं, बल्कि 2029 के लिए प्रयास करना चाहिए. हाल के गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार कांग्रेस और केजरीवाल की पार्टी को एक मंच पर नहीं ला पाये, जो पार्टी बिहार के तीन में से एक उपचुनाव भी नहीं जीत पायी, जिसका राज्य के बाहर कोई आधार नहीं और जिसे दिल्ली के बिहारी मतदाताओं ने भी नकार दिया, वह लाल किले पर झंडा फहराते का सपना देख रही है.


'नीतीश कुमार कभी जेपी नहीं हो सकते हैं'


बीजेपी नेता ने कहा कि विपक्षी एकता के लिए जेपी जैसा इतना विराट व्यक्तित्व चाहिए, जिसमें सत्ता पाने की आकांक्षा नहीं हो. जाहिर है कि प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखने वाले नीतीश कुमार कभी जेपी नहीं हो सकते. जेडीयू को गुजरात में जीरो फीसद वोट मिले और दिल्ली महानगर परिषद के चुनाव में जिस पार्टी के सभी 22 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई, उसके नेता नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के रूप में कौन स्वीकार करेगा?


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