BJP Reaction: चंद्रशेखर के बयान पर सुशील मोदी ने उनकी 'पीएचडी डिग्री' को बताया संदेहास्पद, जानिए ऐसा क्यों कहा
Chandrashekhar Controversy: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के दिए गए बयान पर बवाल मच गया है. इसको लेकर पूरे देश से प्रतिक्रिया सामने आ रही है. वहीं, सुशील मोदी ने चंद्रशेखर को लेकर लालू यादव पर हमला बोला है.
पटना: शिक्षा मंत्री (Bihar Education Minister) चंद्रशेखर (chandrashekhar) के दिए गए बयान के बाद पूरे देश में घमासान छिड़ा हुआ है. इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. विपक्षी पार्टियां चंद्रशेखर को आड़े हाथों ले रही है. वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी से राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी (Sushil Modi) ने गुरुवार को हमला बोलते हुए शिक्षा मंत्री के डिग्री पर ही सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि जो मंत्री रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को जातिगत भेदभाव वाला ग्रंथ बताते हों ,उसकी पीएचडी की उपाधि भी संदेहास्पद लगती है.
सुशील मोदी बोले- राजद्रोह का हो मुकदमा
सुशील मोदी ने कहा कि राम मंदिर के विरुद्ध जगदानंद की दुराग्रही टिप्पणी के दो दिन बाद उनकी पार्टी के शिक्षा मंत्री प्रोसेसर चंद्रशेखर के रामचरित मानस की निंदा करने से साफ कि लालू प्रसाद के नेतृत्व वाला आरजेडी एक हिंदू-विरोधी राजनीतिक संगठन है. चंद्रशेखर ऐसे बयान देकर समाज में घृणा पैदा कर रहे हैं. उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा किया जाना चाहिए.
'आरजेडी नेता वोट-बैंक की राजनीति में अंधे हो गए हैं'
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि लालू प्रसाद ने पहले लोहिया को पार्टी के बैनर-पोस्टर से बाहर किया, समाजवाद को परिवादवाद में बदला और अब वे उस रामायण-रामकथा और रामचरित मानस को भी लंछित करने वालों को पाल रहे हैं, जो आख्यान सदियों से हिंदू समाज की प्रेरणा का स्रोत रहा है. दुर्भाग्यवश आरजेडी के नेता वोट-बैंक की राजनीति में अंधे होकर राम और तुलसीकृत श्रीराम चरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताते हैं.
नीतीश कुमार को सही व्यक्तियों की परख नहीं है- सुशील मोदी
बीजेपी नेता ने कहा कि दुर्भाग्यवश आरजेडी के नेता वोट-बैंक की राजनीति में अंधे होकर राम और तुलसीकृत राम चरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताते हैं. जिस ग्रंथ की सराहना फादर कामिल बुल्के जैसे कैथोलिक क्रिश्चियन ने की, उसकी निंदा कर प्रो.चंद्रशेखर ने साबित कर दिया कि वह शिक्षा मंत्री बनने के योग्य नहीं हैं, उन्हें इस पद पर बैठाने वाले नीतीश कुमार को सही व्यक्तियों की परख नहीं है. ऐसे शिक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए. यदि ऐसा ही बयान किसी दूसरे धर्मग्रंथ के लिए दिया गया होता, तो नीतीश कुमार क्या करते?