पटना: मोतिहारी में संदिग्ध मौत के बाद एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बीजेपी (BJP) के निशाने पर आ गए हैं. इस मद्दे को लेकर बीजेपी काफी आक्रामक हैं. नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोल रही है. वहीं, इस मुद्दे पर पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने शनिवार को कहा कि छपरा के बाद अब पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब पीने से 22 लोगों की जान (Motihari Hooch Tragedy) गई, दो दर्जन से ज्यादा पीड़ितों का इलाज चल रहा है और कई आंखों की रोशनी खो चुके हैं, लेकिन सरकार आंकड़े छिपाने में लगी है. सरकार मौत का कारण डायरिया या अज्ञात बीमारी बता रही है.


नीतीश सरकार पर लगाया आरोप


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पुलिस के डर से बिना पोस्टमार्टम के भुटन मांझी सहित कई मृतकों के शव जला दिए गए. मृतकों में अधिकतर दलित और पिछड़ी जातियों के थे. जहरीली शराब से मरने वालों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की स्पष्ट नीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री को सर्वदलीय बैठक जल्द बुलानी चाहिए. छपरा में ऐसी घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की गई थी. वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने छपरा की घटना के बाद राज्य सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया था. 


हाईकोर्ट के निर्देश को गंभीरता से नहीं लिया गया- सुशील मोदी


बीजेपी नेता ने कहा कि अब पूर्वी चपारण में भी यही हो रहा है. मानवाधिकार आयोग ने जहरीली शराब पीने से मरने वालों के आश्रितों को अनुग्रह राशि देने की अनुशंसा की थी, लेकिन अब तक उसका पालन नहीं हुआ. पटना हाई कोर्ट ने जहरीली शराब पीने से बीमार होने वालों की चिकित्सा के लिए मानक प्रक्रिया (SOP) तय करने को कहा था लेकिन राज्य सरकार यह भी नहीं बना सकी. यदि सरकार ने हाई कोर्ट के निर्देश और आयोग की अनुशंसाओं को गंभीरता से लिया होता, तो पीड़ितों और उनके परिवारों को कठिन समय में बड़ी राहत मिलती.


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