पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि नीतीश कुमार ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) की व्यापक चुनावी हिंसा और विपक्षी कार्यकर्ताओं की हत्या का मौन समर्थन करते हुए यही हथकंडा बिहार में अपना लिया. गुरुवार के विधानसभा मार्च के दौरान लाठीचार्ज से बीजेपी (BJP) कार्यकर्ता की मृत्यु और 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं का जख्मी होना इसका प्रमाण है. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की तरह नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विपक्षी कार्यकर्ताओं को पुलिस की लाठी से डराना चाहते हैं. 


विजय सिंह की मौत पर पुलिस झूठ बोल रही है- सुशील मोदी 


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विधानसभा मार्च के दौरान न एक पत्थर चला, न कहीं तोड़फोड़ हुई और न प्रदर्शनकारियों ने किसी पर हमला किया. इसके बावजूद बिना किसी उकसावे के पुलिस ने बर्बर तरीके से लाठीचार्ज की. लाठीचार्ज से बीजेपी कार्यकर्ता विजय कुमार सिंह की मौत पर पुलिस झूठ बोल रही है और आरजेडी-जेडीयू के लोग उसी को सही बता रहे हैं. पटना के एसएसपी का यह बयान गलत है कि अनुमति केवल सभा करने की थी. यदि ऐसा था, तो गांधी मैदान से डाक बंगला जाने ही क्यों दिया गया.


बीजेपी नीतीश सराकर पर लगा रही है आरोप


बता दें कि बिहार में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की बृहस्पतिवार को नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ विधानसभा मार्च में हिस्सा लेने के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज उनकी मौत हुई है. वहीं, बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्षी दल बीजेपी के सदस्यों ने पार्टी के एक नेता की मौत के लिए पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज को जिम्मेदार ठहराया और घटना के विरोध में जबरदस्त हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.


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