पटना: नोटबंदी होने के बाद भारत में पुराने नोट को बंद (Demonetisation in India) करके नए नोट बाजार में लाए गए. नवंबर 2016 में रातों रात देश भर में 500 और हजार रुपये समेत कई नोट को केंद्र सरकार (Central Govt) ने बंद कर दिया था. इससे तहलका भी मचा. इसके बाद भारत में 500 रुपये और दो हजार के नए नोट आए जिसमें देखा गया कि कुछ समय बाद ही मार्केट से दो हजार के नोट धीरे धीरे कम होने लगे. इस पर सोमवार को सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने राज्यसभा में मांग करते हुए दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने की मांग की है. एबीपी से बातचीत में बीजेपी नेता ने इसके पीछे की कई वजह बताई है.
‘नोट का इस्तेमाल कालाबाजारी में किया जा रहा’
बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि उन्होंने दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने की राज्यसभा में मांग की है. सुशील मोदी ने कहा कि आरबीआई पिछले तीन सालों से दो हजार के नोट की प्रिंटिंग नहीं कर रहा है. इन नोट की कालाबाजारी हो रही है. सुशील मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि दो हजार के नोट का कालाबाजारी में इस्तेमाल करते हुए लोग काला धन अर्जित कर रहे हैं. इस के जरिए जिन लोगों को अपना काला धन जमा करना है. आसानी से काला धन जुटा पा रहे हैं.
'ब्लैक मनी छिपाने के लिए नोट का इस्तेमाल आसान'
उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास दो हजार का आगे मोदी ने कहा कि जब दुनिया के बाकी विकसित देशों में बड़ी करेंसी 100 रुपये से ऊपर नहीं है तो आखिर भारत में क्यों है? जब एक हजार खत्म कर दिया तो पांच सौ के बाद दो हजार के नोट की आवश्यकता नहीं है. ब्लैक मनी का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए इस दो हजार के नोट को कहीं भी ले जाना आसान है. अगर कुछ लाख रखना है तो इन नोटों को छोटे बैग में आसानी से रखा जा सकता है. अपराध जगत, टेरर फंडिंग, ड्रग्स के सिंडिकेट्स व अन्य द्वार इन नोटों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मोदी ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया है कि इसे फेज आउट कर दें. जिनके पास दो हजार के नोट हैं वो बैंक से एक्सजेंच कर लें. इसके बाद वो आराम से खत्म हो जाएगा.
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