(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
BJP Statement: जातीय सर्वे को लेकर नीतीश सरकार से सुशील मोदी की बड़ी मांग, कहा- '...कई तथ्यों को छिपाने की कोशिश की'
Sushil Modi Statement: सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अधिकतर जातियों ने अपनी आबादी कम दर्ज करने की शिकायत की. कुछ जातियों की गणना न करने के भी आरोप लगे.
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बुधवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश का पालन करते हुए बिहार सरकार को पंचायत और वार्ड के अनुसार जातीय सर्वे के विस्तृत आंकड़े शीघ्र जारी करने चाहिए. बीजेपी (BJP) के सरकार में रहते जातीय सर्वे कराने का निर्णय हुआ था और सर्वे (Caste Survey) की रिपोर्ट आने के बाद पार्टी ने पंचायत और वार्ड के आधार पर आंकड़े जारी करने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट का आदेश हमारी मांग के अनुकूल है. राज्य सरकार ने जातीय सर्वे के सिर्फ राज्य स्तरीय आंकड़े जारी कर कई तथ्यों को छिपाने की कोशिश की.
पंचायत और वार्ड स्तर पर जातीय आंकड़े जारी हो- सुशील मोदी
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अधिकतर जातियों ने अपनी आबादी कम दर्ज करने की शिकायत की. कुछ जातियों की गणना न करने के भी आरोप लगे. पंचायत और वार्ड स्तर पर जातीय आंकड़े जारी होने से तथ्यों को भौतिक रूप से जांच कर संतुष्ट होना या उन्हें विधिवत चुनौती देना आसान होगा. सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सहित 17 बिंदुओं पर सर्वे कराए गए थे,जबकि सरकार ने केवल 7-8 बिंदुओं पर रिपोर्ट जारी की.
'सर्वे रिपोर्ट से पता नहीं चलता कि कितनी जातियां भूमिहीन हैं'
बीजेपी नेता ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट से पता नहीं चलता कि कितनी जातियां भूमिहीन हैं और किसके पास कितनी जमीन है? जो लोग जातीय सर्वे कराने का श्रेय लूटने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर विस्तृत रिपोर्ट जारी करानी चाहिए ताकि सभी जातियों का संदेह दूर हो. बता दें कि बिहार में हुई जाति आधारित गणना की रिपोर्ट दो अक्टूबर सार्वजनिक की गई. इस मुद्दे पर जमकर राजनीति होती रही है. बीजेपी नीतीश सरकार पर कई आरोप लगाती रही है.