पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में उच्च सदन के उपसभापति हरिवंश नारायण ने विशिष्ट अतिथियों के समक्ष अपने संबोधन से अपने पद की गरिमा बढ़ाई है. इसका स्वागत होना चाहिए, कोई विवाद नहीं.
सुशील मोदी ने कहा कि यूपीए सरकार के समय जब माकपा के सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे, तब उन्होंने भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपने संवैधानिक पद के सम्मान की रक्षा की थी. माकपा के मनमोहन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया था.
सोमनाथ चटर्जी की परंपरा का किया पालन
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के मीडिया सलाहकार और वर्षों तक संपादक रह चुके हरिवंश नारायण ने उपसभापति के रूप में सोमनाथ चटर्जी की परंपरा का पालन किया है. उपसभापति का चुनाव सभी दलों के सहयोग से होता है और जो सांसद इस पद के लिए निर्वाचित होते हैं, उन पर दलीय अनुशासन (व्हिप) लागू नहीं होता.
उन्होंने कहा कि हरिवंश सदन का संचालन निष्पक्ष और गरिमापूर्ण ढंग से करते रहे हैं. अब तक उनकी कार्यशैली पर जब जदयू सहित किसी भी दल ने आपत्ति नहीं की, तब संसद भवन के उद्घाटन में उनकी भूमिका पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है.
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पर जेडीयू ने लगाई फटकार
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के जाने पर जेडीयू ने कड़ा रुख जताया है. जेडीयू ने सोमवार को अपने सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को पार्टी लाइन का उल्लंघन करने और नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए फटकार लगाई.
इसे 'अपराध' करार देते हुए एमएलसी और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, 'जब नई संसद के उद्घाटन के दौरान देश के लोकतंत्र को कलंकित किया जा रहा था, सिंह वहां गए और कार्यक्रम में हिस्सा लिया. हमारे शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा कर दी थी.