पटना: बिहार नगर निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav Bihar) को कोर्ट द्वारा स्थगित करने के बाद सुशील मोदी (Sushil Kumar Modi) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने इस फैसले का जिम्मेदार नीतीश कुमार को बताया है. मोदी ने मंगलवार देर रात सोशल मीडिया पर ताबड़तोड़ एक के बाद एक ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री पर प्रहार किया.


उन्होंने कहा कि मैंने तीन बार बयान देकर बिहार सरकार (Bihar Government) को चेतावनी दी थी कि बिना ट्रिपल टेस्ट के चुनाव मत कराइए पर नीतीश कुमार किसी की सुनने को तैयार नहीं थे. आज जो फजीहत हुई है उसके लिए केवल नीतीश जिम्मेदार हैं. उन्होंने चुनाव में प्रत्याशियों (Nikay Chunav Candidates Bihar 2022) के हुए खर्चों का भी नीतीश कुमार पर ठीकरा फोड़ा. कहा कि इस खर्च की भरपाई बिहार सरकार करेगी क्या?


जेडीयू फैसले को जातीय जनगणना से न जोड़े


राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने जेडीयू नेताओं द्वारा जातीय जनगणना वाले बयान पर भी पलटवार किया. मोदी बोले कि मैंने जेडीयू के कई नेता का बयान सुना कि अगर बिहार में जातिगत जनगणना हो गई होती तो कोर्ट की ओर से ये फैसला नहीं सुनाया जाता. मैं बता दूं कि जातीय जनगणना का नगर निकाय चुनाव से कोई संबंध नहीं है. कोर्ट का कहना था की एक डेडिकेटेड कमिशन बना कर उसकी अनुशंसा पर आरक्षण दें, लेकिन नीतीश कुमार अपनी जिद पर अड़े थे. 


नीतीश ने आईएजी और एसईसी की बात भी नहीं मानी. एजी और राज्य निर्वाचन आयोग बार-बार ट्रिपल टेस्ट की बात कर रहे थे लेकिन, मुख्यमंत्री की जिद के कारण एजी को सीएम के मनोनुकूल सुझाव देना पड़ा. मोदी बोले कि "लोगों का करोड़ों खर्च हो चुका. तत्काल चुनाव को रोका जाए. सभी पार्टियों की मीटिंग बुलाकर बातचीत के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाए". मोदी ने कहा कि जेडीयू के कई नेता इस फैसले को जातीगत जनगणना से जोड़कर बयानबाजी कर रहे उन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बारे में एबीसीडी भी पता नहीं है. वह फालतू के बयान दे रहे हैं.


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चुनाव आयोग ने माना सुप्रीम कोर्ट का फैसला


बता दें कि हाई कोर्ट द्वारा निकाय चुनाव स्थगित करने के फैसले को राज्य निर्वाचन आयोग ने मान लिया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 और 20 अक्टूबर को होने वाले नगरीय निकाय चुनाव को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है. वहीं दूसरी डेट बाद में जारी की जाएगी. हाईकोर्ट के आदेश के बाद आयोग के अफसरों ने आठ घंटे बैठक की थी. इसके बाद ही यह निर्णय लिया गया है. फिलहाल इसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की ओर सेनए नोटिफिकेशन जारी होंगे. वहीं निकाय चुनाव पर रोक लगते ही बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है. बयानों का दौर लगातार जारी है.


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