पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi) ने बुधवार को लालू यादव (Lalu Yadav) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट कर कहा, " लालू प्रसाद राजनीति के गब्बर सिंह हैं. इनके नाम से अतिपिछड़ा, दलित और व्यवसायी कांपते हैं, क्योंकि उन्हें फिरौती के लिए अपहरण-हत्या, रंगदारी वसूली और नरसंहार की घटनाएं नहीं भूली हैं. बिहार में सियासी गब्बर के डर से शाम होते दुकानों के शटर गिर जाते थे, सिनेमा के नाइट-शो बंद हो गए और रात की शादियों का चलन खत्म हो गया था.
लालू यादव ने डरा कर राज किया
उन्होंने कहा, " लालू प्रसाद ने "भूरा बाल साफ करो" का नारा देकर ऊंची जाति के लोगों को डराया और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दिया, तब इसका विरोध किया. उन्होंने जनता को बांट कर और डरा कर राज किया. लाठी में तेल पिलावन रैली डर पैदा करने के लिए ही की गई थी. लालू प्रसाद के लिए सारे दलित भकचोन्हर हैं, इसलिए उन्होंने इस वर्ग को सामाजिक न्याय से वंचित रखा."
आरक्षण का अधिकार छीन लिया था
सुशील मोदी ने कहा, " 2003 में लालू-राबड़ी राज के दौरान मुखिया, प्रमुख, जिप अध्यक्ष जैसे एकल पदों पर दलितों-अतिपिछड़ों को आरक्षण दिए बिना ही चुनाव कराये गए थे. साल 2008 में एनडीए सरकार ने पहली बार पंचायतों में एससी-एसटी को 17 फीसद और अतिपिछड़ों के 20 फीसद आरक्षण दिया. लालू प्रसाद ने जिन वर्गों के आरक्षण का अधिकार छीन लिया था, उन्हें एनडीए सरकार ने वापस दिलाया.
छह सालों बाद चुनावी सभा संबोधित की
बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने बुधवार को लगभग छह सालों बाद चुनावी सभा संबोधित की. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. तारापुर में जनसभा संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को उन्होंने ही मुख्यमंत्री बनाया है. उन्होंने कहा था कि मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन भाजपा में नहीं जाऊंगा, लेकिन क्या हुआ?
गौरतलब है कि लालू यादव लगभग तीन सालों बाद पटना पहुंचे हैं. पटना आने से पहले उन्होंने कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास के संबंध में आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसपर अब भी विवाद जारी है.
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