पटना: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कैबिनेट विस्तार के बाद एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने कैबिनेट विस्तार में देरी को लेकर किसी भी पार्टी को जिम्मेदार ठहराने से मना कर दिया है. उन्होंने कहा कि विस्तार में विलंब केवल कुछ व्यस्ताओं के कारण हुआ है. हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार का काम सात मंत्रियों से भी होता है. लेकिन कैबिनेट विस्तार होना था और ये हो गया. राज्यसभा सांसद ने नए मंत्रियों को लेकर कहा कि इन सभी लोगों को मैं व्यतिगत तौर पर जनता हूं. ये भी मंत्री प्रदेश के विकास में अपना सहयोग देंगे. हालांकि केंद्र में मंत्री बनाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं.


राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने नीतीश कुमार के साथ काम करने को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. इस बाबत जब उनसे पूछा गया कि क्या वे नीतीश कुमार के साथ काम करने को मिस कर रहे हैं तो उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ 40 साल के पुराने रिश्तों का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हमने लंबे वक्त तक काम किया है. ऐसे में उनकी कार्यशैली को याद करना स्वाभाविक है. लेकिन मैं ऑल इंडिया लेवल की पार्टी के लिए काम करता हूं. पार्टी का जो आदेश होता है, वैसा करना होता है.


बिहार में आज हुआ है कैबिनेट विस्तार


आपको बता दें कि आज राजधानी पटना में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने एनडीए गठबंधन के 17 नए विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ मु्ख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में दिलवाई. नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में बीजेपी कोटे से 9 विधायक मंत्री बनाए गए हैं, जबकि जदयू कोटे से 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है. दोनों ही पार्टियों ने मंत्रिमंडल विस्तार के लिए क्षेत्रीय समीकरण के अलावा जाति समीकरण का भी खासा ध्यान रखा है. इसके अलावा दोनों ही पार्टियों ने अनुभवी चेहरों के साथ ही नए और युवा चेहरा पर भी दांव लगाया है.


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