पटना: बिहार में शिक्षक बहाली की नियमावली में एक बार फिर संशोधन के बाद सियासत गरमा गई है. एक तरफ अभ्यर्थियों ने आक्रोश जताया है तो वहीं दूसरी ओर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने चिंता जताई है. सुशील मोदी ने बुधवार (28 जून) को एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति के मुद्दे को बिहार सरकार (Bihar Government) ने मजाक बनाकर रख दिया है.
'शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर कर रहे अपमान'
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अब तक आठ बार शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव हो चुका है. अब बिहार सरकार की ओर से तुगलकी फरमान आया है कि बाहरी लोग बिहार में शिक्षक बन सकते हैं. मुझे चिंता है कि बिहारी छात्र अब कहां जाएंगे? बिहारी छात्रों का हक मारा जा रहा है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बिहार की प्रतिभा का अपमान कर रहे यह कह कर कि बहाली में अंग्रेजी, गणित और विज्ञान के कॉम्पीटेंट अभ्यर्थी नहीं मिल पाते हैं. सीट खाली रह जाती थी जिसके बाद सरकार ने इस तरह का निर्णय लिया है.
सुशील मोदी ने पूछा- आखिर कितनी बार दी जाएगी परीक्षा?
सुशील कुमार मोदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार में तो अंग्रेजी, गणित और विज्ञान के तेज तर्रार छात्र हैं. सबसे ज्यादा आईएएस और आईपीएस बिहार से बनते हैं. आईआईटी में जा रहे हैं. सीटीईटी, एसटीईटी, बीटीईटी परीक्षा क्वालीफाई कर चुके शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिलना था, लेकिन नई शिक्षक भर्ती नियमावली 2023 के तहत फिर से परीक्षा देने के लिए कहा जा रहा है. आखिर जो लोग पास कर चुके हैं वह कितनी बार परीक्षा देंगे?
सुशील मोदी ने कहा कि कोई बहाली नहीं होगी. बार-बार संशोधन कर बहाली को फंसाया जा रहा है. तेजस्वी का वादा था पहली कैबिनेट मीटिंग में शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति का फैसला लेंगे. सरकार को बने हुए एक साल हो गए. वादा पूरा नहीं हुआ. वहीं जब सुशील मोदी से पूछा गया कि नीतीश को क्या यह लग रहा कि वह नेशनल लीडर हैं? पूरे देश के भविष्य का चिंता करनी है ना कि केवल बिहार की इसलिए इस तरह का संशोधन शिक्षक अभ्यर्थी नियमावली में हुआ? इस पर सुशील मोदी ने कहा कि कभी पीएम नहीं बन पाएंगे न संयोजक. बिहार की चिंता करें. बिहार भी नहीं संभल रहा है.