पटनाः राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को एक घंटे में चार ट्वीट कर लालू यादव पर निशाना साधा. उन्होंने पहली ट्वीट में लिखा, "लालू प्रसाद ने अपने कुशासन काल में बिहार के लाखों लोगों को पलायन के लिए मजबूर किया, अपराधियों का दुस्साहस बढ़ाया, सत्ता में बने रहने के लिए 100 से ज्यादा नरसंहार होने दिए. विकास को ठप कर लोगों को रोजगार से वंचित किया और मूक पशुओं के चारा तक में 1000 करोड़ का घोटाला किया". 


इसके बाद सुशील मोदी ने दूसरे ट्वीट में लिखा, "उन्हें (लालू यादव) न्यायिक प्रक्रिया के तहत जो सजा मिली है, उसे पूरा कर अपने किए का प्रायश्चित करना चाहिए. आगे ट्वीट कर लिखते हैं कि लालू प्रसाद न ठीक से हिंदू हो पाए, न इस्लाम की शिक्षा ग्रहण कर पाए. कोई भी धर्म गरीबों-दलितों को सताने की इजाजत नहीं देता".


 






लालू परिवार सत्ता और संपत्ति के लिए देता है धोखा


चौथे ट्वीट में लिखा, "आज जमानत पर उनकी रिहाई के लिए परिवार के जो सदस्य व्रत और रोजा, दोनों रखने करने की बात कर रहे हैं , वे दरअसल किसी भी उपासना पद्धिति के प्रति ईमानदार नहीं हैं. उससे कुछ होने वाला नहीं. लालू परिवार सत्ता और संपत्ति के लिए ईश्वर- छठी मइया और अल्ला को भी धोखा देने की कोशिश करता रहा".






सुशील मोदी को बीजेपी ने किया दरकिनार


इधर, सुशील कुमार मोदी के इस तरह की बयानबाजी के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बीजेपी ने उन्हें दरकिनार कर दिया है, इसीलिए खबर में बने रहने के लिए कुछ से कुछ बयान देते रहते हैं. 


तेजस्वी यादव ने कहा कि सुशील मोदी हमारे ऊपर भी बहुत कुछ बोलते हैं. मधुबनी कांड में जो आरोप उन्होंने हम पर  लगाया पीड़ित परिवार ने उसका जवाब दे दिया था. उन्होंने बंगाल में ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर रोक को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि चुनाव आयोग बीजेपी आयोग बनकर रह गया है, इसीलिए ममता  पर ऐसे-ऐसे रोक लगा रहा है.


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