पटना: विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी में मची भगदड़ पर गुरुवार को सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर तंज कसा है. सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा, " बिहार में चुनाव कब होंगे, इस पर तो चुनाव आयोग को निर्णय करना है. लेकिन लालू प्रसाद की पार्टी में जिस तरह से भगदड़ मची, उससे साफ है कि चुनाव निकट है और उनके लोगों को आभास हो चुका है कि न्याय के साथ विकास की आंधी में लालटेन नहीं काम आएगी."
सुशील मोदी ने लिखा, " तीन दिन में जिस पार्टी के आधा दर्जन विधायक साथ छोड़ दें और कई वक्त के इंतजार में हों, वह अपनी हताशा बयानों में जाहिर करने के सिवा क्या कर सकती है? पूर्व मंत्री चंद्रिका राय का आरजेडी छोड़ना केवल पारिवारिक विवाद नहीं, सामाजिक मुद्दा है. जनता पूछेगी कि जो परिवार एक बेटी को न्याय नहीं दे सका, वह बिहार की बेटियों को न्याय कैसे देगा? आरजेडी ने दहेज-प्रथा के विरुद्ध मानव श्रृंखला में भाग क्यों नहीं लिया था?"
उन्होंने एनआरए के गठन की तारीफ करते हुए लिखा, " सेना के जवानों के लिए " वन रैंक, वन पेंशन", धारा-370 हटने के बाद " एक देश, एक संविधान, एक निशान", गरीबों-मजदूरों के लिए " वन नेशन, वन राशन कार्ड" और अब करोड़ों शिक्षित युवाओं के लिए " एक देश, एक परीक्षा" का संकल्प राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने वाले बड़े फैसलों की ताजा कड़ी है."
सुशील मोदी ने लिखा, " सरकारी सेवा में ग्रुप बी और सी की नौकरियों के लिए जहां पहले बीस एजेंसियां अलग-अलग समय में टेस्ट लेती थीं, उनके स्थान पर अब केवल राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी( NRA) परीक्षा लेगी. इससे तीन करोड़ से ज्यादा युवाओं को राहत मिलेगी. सरकारी नौकरी के प्रति बिहार में ज्यादा आकर्षण है, इसलिए एनआरए गठित होने का ज्यादा फायदा भी बिहार को मिलेगा. यूपीए की सरकार जो काम दस साल में नहीं कर पायी, वह मोदी-2 के दूसरे साल में हो गया."
सुशील मोदी ने लिखा, " राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी बनने से रेलवे, बैंकिंग, एसएससी के सवा लाख पदों पर नौकरी के इच्छुक करोड़ों युवाओं के समय और पैसे की बचत होगी. अब टेस्ट और रिजल्ट के बीच की अवधि घटेगी और युवाओं को बार-बार की लंबी यात्राओं से राहत मिलेगी. कांग्रेस और आरजेडी के युवराजों को नौकरी पाने के संघर्ष का जरा भी एहसास होता, तो वे इसके स्वागत में एक ट्वीट अवश्य करते."