पटना: तेज प्रताप यादव (Tej pratap yadav) ने अपने ही पिता लालू यादव (Lalu Yadav) को दिल्ली में बंधक बनाए जाने का बयान देकर सूबे के सियासी पारा चढ़ा दिया है. सत्ता पक्ष के नेताओं को इस बयान के बाद आरजेडी (RJD) और लालू परिवार को घेरने का मौका मिल गया है. इसी क्रम में राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) ने पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, " लालू प्रसाद चारा घोटाला मामले में जमानत पर हैं, इसलिए उन्हें बंधक बनाए जाने के परिवार के बड़े बेटे के आरोप को गंभीरता से लिया जाना चाहिए."


संपत्ति के लिए कुछ भी संभव


सुशील मोदी ने कहा, " इस पर पुलिस, सीबीआई और संबंधित न्यायालय को संज्ञान लेना चाहिए. लालू प्रसाद के जीवन और उसकी स्वतंत्रता पर किसी तरह का आघात न्याय प्रक्रिया में बाधक हो सकता है. इतिहास गवाह है कि सत्ता और सम्पत्ति के लिए किसी ने पिता को राज सिंहासन से हटा कर जेल में डाला, तो किसी ने भाई की हत्या करा दी."


 






उन्होंने कहा, " जब किसी राजा-बादशाह, राजकुमार के साथ कुछ भी हो सकता है, तो राजतंत्र की तरह चलने वाले आरजेडी में भी अनहोनी हो सकती है. लालू परिवार में छिड़े पावर वार को देखते हुए तेजप्रताप यादव की बात को हल्के में नहीं लिया जा सकता."


 






क्यूं बंद हो गए कार्यकर्ताओं के लिए दरवाजे


सुशील मोदी ने गुहार लगाते हुए कहा, " लालू प्रसाद मुख्यमंत्री, किंगमेकर और केंद्रीय मंत्री रहे हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए. यह पता किया जाना चाहिए कि कौन लोग उन्हें पटना आने और समर्थकों से प्रत्यक्ष संवाद करने से रोक रहे हैं? राजद खुद को मास की पार्टी बताता है, लेकिन लालू-राबड़ी के घर के दरवाजे अब आम कार्यकर्ताओं के लिए बंद क्यों रहते हैं?"


 






मालूम हो कि लालू यादव के पटना ना आने को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है. इस विवाद को शुरू करने वाले और कोई नहीं बल्कि उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव हैं. उन्होंने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान लालू यादव (Lalu Yadav) को दिल्ली में बंधक बनाए जाने का बयान देकर सूबे के सियासी पारा चढ़ा दिया है. तेज प्रताप के इस सनसनीखेज आरोप के बाद सत्ता पक्ष के नेताओं ने आरजेडी (RJD) और खासकर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को घेरना शुरू कर दिया है.



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