पटना: तमिलनाडु (Tamil Nadu Case) में बिहार के मजदूरों से कथित भेदभाव को लेकर कई वीडियो वायरल हुए थे. इस केस के आरोपी त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने शनिवार को बेतिया के जगदीशपुर थाने में सरेंडर कर दिया. बिहार पुलिस ने शनिवार की सुबह ट्वीट कर बताया कि फेक वीडियो को प्रसारित करने एवं आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 3/23 और 4/23 के अभियुक्त मनीष कश्यप ने बिहार पुलिस और ईओयू के दबिश के कारण बेतिया के जगदीशपुर थाने में आत्मसमर्पण किया है'. बिहार पुलिस ने ट्वीट कर अपनी पीठ खुद थपथपाई लेकिन सच्चाई कुछ और है. मनीष कश्यप ने किसी और मामले में सरेंडर किया है.


अब समझिए क्या है पूरा मामला


मनीष कश्यप के आत्मसमर्पण को बिहार पुलिस अपनी दबिश बता रही है लेकिन यह विफलता है कि आठ महीने पहले जमानत अर्जी खारिज होने के बाद भी यह आरोपी आराम से घूमता रहा जिसे पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. मनीष कश्यप के आत्मसमर्पण के पीछे का मामला समझिए. आत्मसमर्पण करने के पीछे तमिलनाडु मामले में वायरल वीडियो नहीं बल्कि बेतिया के मझौलिया थाने में 2021 में एक मामला दर्ज हुआ था. इसमें मनीष कश्यप पर बेतिया के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पारस पकरी शाखा में काम करने में गड़बड़ी और सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने का आरोप लगा था. मुख्य आरोपी मनीष कश्यप सहित चार लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. कांड संख्या 193/21 था.
 
खारिज हुई थी जमानत याचिका


इस मामले में 26 जुलाई 2022 को पटना हाई कोर्ट की ओर से उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. गिरफ्तारी का आदेश दिया गया था. कुछ महीने पहले मनीष कश्यप के घर पर कुर्की वारंट भी निकला था लेकिन बिहार पुलिस आराम से सो रही थी और आज तक गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. कोर्ट की नजर में फरार लेकिन मनीष कश्यप आराम से घूम रहा था. उस पर पुलिस की नजर नहीं थी. 


चर्चा के बाद एक्शन में आई पुलिस


तमिलनाडु मामले को लेकर मनीष कश्यप चर्चा में आया. इसके बाद यह मामला बिहार के साथ दूसरे राज्यों में छा गया. इसके बाद बिहार पुलिस ने कार्रवाई शुरू की. पुलिस शनिवार की सुबह मनीष कश्यप के घर पर कुर्की करने पहुंची तो उसने जगदीशपुर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया. मझौलिया थाना कांड संख्या 193/21 के मामले में कुर्की वारंट की जानकारी शुक्रवार (17 मार्च 2023) को ही पश्चिम चंपारण के एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने मीडिया कर्मियों को दे दी थी. बेतिया जिले में मनीष कश्यप पर पहले से सात आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें पांच मामलों पर वह चार्जशीटेड है. इसके बाद भी मनीष कश्यप पुलिस की नजर में फरार चल रहा था और आराम से घूम रहा था.


शनिवार को जब इस केस में उसने सरेंडर किया तो बिहार पुलिस ने ट्वीट कर बता दिया कि तमिलनाडु मामले में उसने आत्मसमर्पण किया है जबकि केस कुछ और है. हालांकि सरेंडर करने के बाद ईओयू की टीम पटना लेकर आ गई.


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