पटना: प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर चेन्नई में तमिलनाडु (Tamilnadu Case) सरकार के अधिकारियों के साथ बातचीत करने के एक दिन बाद बिहार के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तरी राज्य के मजदूरों की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों का जायजा लेने के वास्ते रविवार को तिरुपुर का दौरा किया. बिहार के ग्रामीण विकास सचिव डी बालामुरुगन के नेतृत्व में चार सदस्यीय दल ने श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तमिलनाडु सरकार और तिरुपुर जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया.


'फर्जी वीडियो पर ध्यान देने की जरूरत नहीं'


बालामुरुगन ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी एस विनीत और पुलिस आयुक्त प्रवीण कुमार सहित अधिकारियों, वस्त्र उद्योग के प्रतिनिधियों तथा अन्य राज्यों से श्रमिकों को लाने वाले ठेकेदारों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने श्रमिकों के साथ भी बातचीत की और उन्हें अफवाहों तथा फर्जी वीडियो पर ध्यान नहीं देने को कहा.


'देश की अखंडता के खिलाफ ये भ्रम फैलाया जा रहा है'


आगे बिहार के ग्रामीण विकास सचिव ने कहा कि हम श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तमिलनाडु सरकार और जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट हैं. जिले के अधिकारियों ने कहा कि तिरुपुर में वस्त्र उद्योग में 1.7 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक कार्यरत हैं. बता दें कि तमिलनाडु में कथित बिहारी मजदूरों पर हिंसा के मामले को लेकर नीतीश सरकार ने तमिलनाडु में जांच टीम भेजी है. शनिवार को बिहार से चार सदस्यीय टीम चेन्नई पहुंची थी. वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बिहार के सीएम से बात करते हुए कहा है कि सभी कामगर उनके कामगर हैं. उनको किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी. मजदूरों को डरने की जरूरत नहीं है. देश की अखंडता के खिलाफ ये भ्रम फैलाया जा रहा है.


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