पटना: केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के चर्चाओं के बीच एलजेपी में टूट की खबर पर विवाद जारी है. एक तरफ विपक्ष की पार्टियों ने जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टूट का जिम्मेदार बताया है. वहीं, सत्ताधारी दल के नेता चिराज को जिम्मेदार बताते हुए ये कह रहे हैं कि ये तो होना ही था. बिहार विधानसभा चुनाव के समय से ही पार्टी नेताओं के बीच शीर्ष नेतृत्व के प्रति असंतोष की भावना थी. 


चिराग का फैसला था गलत


इसी क्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पूरे प्रकरण पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. एलजेपी में बगावत पर उन्होंने कहा कि ये एलजेपी का अंदरूनी मामला है, इस पर ज्यादा टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है. केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद एलजेपी में सब कुछ ठहर गया था. चिराग़ का एनडीए से अलग होने का फैसला गलत था. सभी अगर साथ रहते तो सबको लाभ मिलता. हम और मजबूत होते लेकिन उन्होंने अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया. 



केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि जब सही समय आएगा तब निर्णय लिया जाएगा. अब सही समय है, इसलिए शीर्ष नेतृत्व तय करेगी कि क्या करना है. एलजेपी में टूट का बिहार की राजनीति पर असर पड़ने के सवाल उन्होंने कहा कि इसका बिहार की राजनीति में कोई असर नहीं पड़ने वाला है. 


आरजेडी ने साधा निशाना


बता दें कि एलजेपी में टूट के लिए विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहरा रहा है. आरजेडी विधायक और नेता शक्ति सिंह ने एलजेपी में टूट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस तरह से लोग दूसरों के घरों में आग लगाने की कोशिश करते हैं, उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि आग की लपटे उनके घरों को भी खाक कर सकती है. 


उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जेडीयू प्रलोभन देने वाली पार्टी है, धनबल का प्रयोग कर वो छोटी पार्टियों को तोड़ती है. इस पार्टी के नेताओं को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है. ये जो आरसीपी टैक्स लेते हैं, वो इन्हीं संलब कामों में खर्च होता है. अब चिराग पासवान से ही पूछना होगा कि वो आगे क्या करने वाले हैं.


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