पटना: प्रारंभिक शिक्षक नियोजन अभ्यर्थी पटना के गर्दनीबाग में आज से धरना देंगे. बिहार में 90 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया चल रही है. अभ्यर्थियों का कहना है कि पांच महीने पहले ही चयन हो चुका है, लेकिन अब तक सरकार ने नियुक्ति पत्र नहीं दिया है. प्रारंभिक शिक्षकों के 90,762 पदों पर छठे चरण की नियोजन प्रक्रिया 2019 में शुरू हुई थी. यह अब तक पूरी नहीं हुई है.
इस वर्ष जुलाई और अगस्त में दो राउंड की काउंसिलिंग में 38 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है, लेकिन उन्हें अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है. चयनित अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट शिक्षा विभाग के पास जमा है. बता दें, शिक्षक अभ्यर्थियों के धरने के दिन ही बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में नियोजन के मुद्दे पर हंगामा होने की ज्यादा उम्मीद है.
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गोपगुट भी अभ्यर्थियों के समर्थन में उतरा
वहीं दूसरी ओर अभ्यर्थी यह मांग भी कर रहे हैं कि जिन स्थानों पर काउंसिलिंग नहीं हुई है, वहां जल्द से जल्द काउंसिलिंग कराई जाए. जिन अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है, उनके सर्टिफिकेट की जांच जल्द से जल्द करने के बाद नियुक्ति पत्र दिया जाए. टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) भी शिक्षक अभ्यर्थियों के समर्थन में उतर आया है.
टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया, बिहार में शिक्षकों के लगभग तीन लाख से अधिक पद खाली हैं, फिर भी सरकार मात्र 38 हजार चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने में आनाकानी कर रही है. अगर बिहार सरकार सच में बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहती है तो अविलंब सभी टीईटी, सीटीईटी, एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दें.
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