समस्तीपुर: बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर जारी नई नियमावली में बार-बार बदलाव पर बवाल जारी है. एक बार फिर संशोधन किया गया है जिसके तहत अब अभ्यर्थियों को बिहार का स्थायी होना आवश्यक नहीं है. इसको लेकर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) के बयान पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बुधवार (28 जून) को हमला बोला. पीके ने कहा कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को छोड़िए, आरजेडी के लोग कुछ भी कह सकते हैं.
तेजस्वी यादव की ओर से 10 लाख नौकरी देने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में बीपीएससी के काम करने का जो तरीका है उसको ध्यान से समझा जाए तो एक साल में 10 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरी देने की क्षमता नहीं है. प्रशांत किशोर ने बीपीएससी की कार्यप्रणाली को समझाते हुए कहा कि अगर सरकार की नियमावली को ठीक मान भी लिया जाए तो बीपीएससी को दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति करने में कम से कम पांच साल लगेगा. नियोजित शिक्षकों के पास केवल तीन अवसर हैं. ये सीधे-सीधे लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है.
पीके ने तेजस्वी यादव को बताया अज्ञानी
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर 4-4 लाख लोग तीन बार परीक्षा देने जाएंगे तो 12 लाख लोगों की परीक्षा लेगा कौन? कहा कि जब मूर्ख व्यक्ति को नेता या मंत्री बना देंगे तो वो यही काम करेगा. तेजस्वी यादव ने चुनाव में 10 लाख नौकरी देने का वादा किया और कहा था कि पहली कैबिनेट में एक साइन करेंगे और आपको नौकरी मिल जाएगी. ये दिखाता है कि आप कितने बड़े अज्ञानी हैं. किसी कैबिनेट के पास ये अधिकार ही नहीं है कि एक साइन पर नौकरी मिल जाएगी.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने क्या कहा है?
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि देश के विभिन्न राज्यों के जो टैलेंटेड छात्र हैं, बेरोजगार हैं वो शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लेंगे. हम लोगों के लिए एक समस्या सामने है कि मैथ, केमिस्ट्री, फिजिक्स और अंग्रेजी में ऐसे अभ्यर्थी नहीं मिल पाते हैं और सीट खाली रह जाती है. इसके लिए यह किया गया है. बेहतर शिक्षण कार्य हो सकेगा. साइंस और अंग्रेजी की समस्या थी, इसलिए किया गया है.
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