पटना: जमुई सांसद चिराग पासवान पर केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है. निदेशालय ने लोकसभा सांसद चिराग पासवान को उनके दिवंगत पिता और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान को आवंटित बंगले से बेदखल करने के लिए एक टीम भेजी है. टीम घर के सामानों को बाहर निकाल रही है.
मालूम हो कि निदेशालय ने पिछले साल ही चिराग पासवान को बंगला खाली करने को कहा था. लेकिन चिराग हठ पर अड़े थे. ऐसे में जारी आदेश को अमल में लाने के लिए अधिकारियों की टीम को जनपथ रोड स्थित बंगले पर भेजा गया है.
चिराग पासवान कर रहे थे ये मांग
इस संबंध में अधिकारियों ने कहा कि 12 जनपथ बंगला केंद्रीय मंत्रियों के लिए निर्धारित है और सरकारी आवास में रहने वालों को इसे खाली करने के लिए कहा गया है. बता दें कि राम विलास पासवान का निधन अक्टूबर 2020 में हुआ था. उसके छह महीने के अंदर ही इसको खाली करना था, लेकिन चिराग ने बंगला खाली नहीं किया था. वे अपने परिवार के साथ इसी बंगले में रह रहे थे.
साथ ही इसके स्मृति स्थल बनाने की मांग कर रहे थे. ऐसा इसलिए क्योंकि राम विलास 30 साल इस बंगले में रहे थे. लेकिन यह बंगला उन नेताओं के लिए है, जो पांच या छह बार सांसद रह चुके हैं. चूंकि चिराग दूसरी बार सांसद बने हैं, इसलिए इस बंगले में वह नहीं रह सकते थे. साथ ही ये बंगला मौजूदा रेल मिनिस्टर को आवंटित कर दिया गया है.
पहले से ही आवंटित है आवास
ध्यान देने वाली बात है कि केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने पिछले साल ही चिराग पासवान को बंगला खाली करने के लिए आदेश जारी किया था. एक सांसद के तौर पर चिराग पासवान को नॉर्थ एवेन्यू में पहले से ही घर आवंटित किया हुआ है.
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