पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की टीम ने गुरुवार को सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से मुलाकात की. कोरोना मरीजों के परिजनों की बदसलूकी और अस्पताल में मैनपावर की कमी की वजह से हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों की सात सदस्यीय टीम ने उनके आवास पर उनसे मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपनी सभी समस्याएं उन्हें बताई, जिस पर गंभीरता से विचार विमर्श करते हुए स्वास्थ्य मंत्री पांच मांगों को मानने को तैयार हुए.  


अस्पताल में डॉक्टरों और दवाइयों की कमी से कराया अवगत


इस संबंध में एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामचंद्र कुमार और सचिव कुशाग्र की नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम ने स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने उन्हें अस्पताल में डॉक्टरों और दवाइयों की कमी के बारे में बताया. सभी बातों को सुनने के बाद उन्होंने इन पांच मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है- 


1. एमबीबीएस फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स का कोरोना वार्ड में ड्यूटी में लगाया जाएगा. 


2. पीजी फाइनल ईयर के छात्रों का टेन्योर बढ़ाया जाएगा.


3 . एनएमसीएच अधीक्षक को अस्पताल में वार्ड बॉय और अन्य मेडिकल स्टाफ को नियुक्त करने का अधिकार दिया गया.


4. हेल्थ बुलेटिन बनाने के लिए अलग से स्टाफ दिए जाएंगे.


5. दवाइयों की कमी को जल्द दूर किया जाएगा.


मालूम हो कि बिहार में बेकाबू हो रहे कोरोना के बीच पटना स्थित एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टर बुधवार को दोबारा हड़ताल पर चले गए थे. कोरोना मरीजों के परिजनों की ओर से लगातार हो रही मारपीट और बदसलूकी से नाराज होकर डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार करने का फैसला लिया था. साथ ही सरकार और विभाग के सामने काम पर लौटने की पांच शर्तें रखीं थीं. इस संबंध में एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के मेंबर डॉक्टर रामचंद्र ने बताया था कि मांग पूरी होने तक जूनियर डॉक्टर काम का बहिष्कार करेंगे. 


150 से अधिक बेड संभालने की नहीं है क्षमता


उन्होंने कहा था, "  संसाधनों की कमी और मरीजों के परिजनों का हंगामा एक दूसरे से संबंधित हैं. संसाधनों और मैन पावर की कमी की वजह से इलाज में दिक्कत आती है, मरीजों की मौत होती है, जिसके बाद मृतक के परिजन डॉक्टरों के साथ बदसलूकी करते हैं. ऐसे में जब तक कमियों को पूरा नहीं किया जाएगा, ऐसी घटनाएं होती रहेंगी. मैन पावर की कमी और डॉक्टरों में तेजी फैल रहे संक्रमण की स्थिति में हम 150 से अधिक बेड संभालने की क्षमता नहीं रखते हैं." 


यह भी पढ़ें -


बिहारः सासाराम में स्वास्थ्यकर्मी खुले में PPE किट फेंक कोरोना को दे रहे 'न्योता', संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ा


बिहार: बिना कोरोना जांच कराए यात्री जा रहे घर, जांच शिविर में तैनात स्वास्थ्यकर्मी कर रहे 'खानापूर्ति'