(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
इंटरव्यू लेने पहुंचे शख्स को बिना माइक और कैमरे के तेज प्रताप ने बुलाया अंदर, फिर जो हुआ वो खुद देख लीजिए
तेज प्रताप ने पत्रकार पर आरोप लगाया है कि वो उनके खिलाफ साजिश के तहत गलत खबरें चलाते हैं. ताकि उनकी बदनामी हो और उनकी पार्टी और परिवार टूट जाए. इस मामले में उन्होंने मांझी पर भी गंभीर इल्जाम लगाए हैं.
पटना: पार्टी कार्यकर्ता की पिटाई के आरोपों में घिरे हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) फिर एक बार सुर्खियों में हैं. तेज इस बार पत्रकार के साथ बदतमीजी करने को लेकर चर्चा में हैं. दरअसल, बुधवार को पटना बेस्ड एक वेब पोर्टल के पत्रकार इंटरव्यू के लिए तेज प्रताप के आवास पहुंचे थे. लेकिन तेज ने पत्रकार से कैमरा और माइक बाहर रखकर आने को कहा. आरजेडी विधायक का कहना था कि वो अपनी माइक और कैमरे को बाहर रखकर आएं और दो मिनट बैठकर उनसे बातचीत करें.
पत्रकार ने निकल जाने में भलाई समझी
हालांकि, ये सुनते ही पत्रकार और उनके कैमरामैन ने मौके पर से निकल जाने में भलाई समझी. लेकिन तेज प्रताप यहीं नहीं रुके वो अपनी टीम के साथ पत्रकार के पीछे लग गए और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के आवास के बाहर पहुंच गए जहां वेब पोर्टल के पत्रकार की कार पार्क थी.
पूरे मामले में तेज प्रताप ने पत्रकार पर आरोप लगाया है कि वो उनके खिलाफ साजिश के तहत गलत खबरें चलाते हैं. ताकि उनकी बदनामी हो और उनकी पार्टी और परिवार टूट जाए. इस मामले में उन्होंने मांझी पर भी गंभीर इल्जाम लगाए हैं. आरोप है कि मांझी के आवास में बैठकर सारी प्लानिंग होती है, जिसे बाद में मूर्त रूप दिया जाता है. उन्होंने कहा है कि पत्रकारों को उन्होंने हमेशा से सम्मान देने का काम किया है. लेकिन ऐसी पत्रकारिता ठीक नहीं है. वे इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
हम ने तेज प्रताप से आरोप बताया गलत
इधर, तेज प्रताप के आरोपों को हम ने गलत बताया है. पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि तेज के आरोप गलत हैं. क्या ऐश्वर्या से तलाक होना, पार्टी से दरकिनार होना, साथ ही उनके जिंदगी में जो उथल-पुथल मची है वो मांझी के इशारे पर हुआ है. ये बात हास्यास्पद है. असलियत तो ये है कि तेजस्वी द्वारा पार्टी से दरकिनार किए जाने के बाद तेज का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. इसलिए वो ऐसी बातें कर रहे. बात रही पत्रकार की तो वे एक दलित पत्रकार हैं. ऐसे में जब भी दलितों पर अत्याचार होगा, मांझी की पार्टी के कार्यकर्ता उनके साथ खड़े रहेंगे.
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