पटनाः लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप की ओर से दिए जा रहे बयानों के बाद आरजेडी में घमासान मचा है. इस बीच उन्होंने फेसबुक पर रविवार को ही एक कविता लिखी है जिसकी चर्चा हो रही है और उसे राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि कविता के जरिए ही अब तेज प्रताप यादव अब अपनी बात कहना चाह रहे हैं. नीचे पढ़ें कविता जिसे तेज प्रताप यादव ने फेसबुक पर अपने अकाउंट से पोस्ट किया है.      


“मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को, दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को, भगवान् हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये. ‘दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पांच ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम. हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे!


दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशीष समाज की ले न सका, उलटे, हरि को बांधने चला, जो था असाध्य, साधने चला. जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है. हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया, डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान् कुपित होकर बोले- ‘जंजीर बढ़ा कर साध मुझे, हां, हां दुर्योधन! बांध मुझे.”


फेसबुक पर आने लगे कई तरह के कमेंट


अब फेसबुक पर इस पोस्ट के बाद यूजर कई तरह के कमेंट भी करने लगे. उनके समर्थक उनका साथ देते दिखे तो विरोधी कमेंट करके ही नसीहत देने लगे. एक यूजर ने तो यहां तक लिख दिया कि आप (तेज प्रताप यादव) हिम्मत से काम लें. जनता आपके साथ है. थोड़ा सा शांत रहें नहीं तो लालू की विरासत खत्म हो सकती है.


(नोटः एबीपी न्यूज ने कविता के किसी शब्द को बदला नहीं है)


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