पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पांच सालों बाद फिर एक बार जनता दरबार कार्यक्रम की शुरुआत की है. सोमवार को उन्होंने जनता से मुलाकात की. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सबकी परेशानी सुनी और उसके समाधान के लिए आवश्यक निर्देश दिए. हालांकि, उनके इस कार्यक्रम पर विवाद शुरू हो गया है. विपक्ष के नेता लगातार मुख्यमंत्री पर हमलावर हैं. इसी क्रम में बुधवार को हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव ने सीएम नीतीश पर निशाना साधा है.
घर में दुबके थे मुख्यमंत्री
आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, " नीतीश कुमार पूरे तरीके से डेड हो चुके हैं. इसलिए पांच सालों बाद जनता की उन्हें याद आ रही है. इससे पहले वो कहां थे. पहले वो ये बताएं. कोरोना काल में वो अपने घर में दुबके हुए थे. इतने साल के बाद जब गिरावट होने लगी, तो वे जनता के बीच जाने लगे."
आरजेडी के महंगाई के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा, " देश और राज्य में महंगाई चरम पर है. हर एक सामान का दाम बढ़ चुका है. जनता महंगाई की मार झेल रही. इस सरकार ने युवाओं को नौकरी नहीं दी. जिनके पास नौकरी थी, उसको भी छीनने का काम किया गया. रिक्त पदों को भरने का काम नहीं किया गया. शिक्षित युवाओं को पकौड़े तलने पर मजबूर किया गया." जनसंख्या नियंत्रण कानून पर उन्होंने कहा कि जब चुनाव आते हैं, तभी ये (बीजेपी) इस तरह का काम करते हैं. पहले बंगाल में ऐसा हुआ और अब यूपी में हो रहा.
आंदोलन करने वाले आज गायब
महंगाई कम करने पर सरकार ध्यान क्यों नहीं देती का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इसलिए ध्यान नहीं देती क्योंकि घोटाले कर-करके उन्होंने सरकारी खजाने को खाली कर दिया है. जो पहले आंदोलन करते थे, दावे करते थे, वो आज गायब हैं. 20 लाख रोजगार का वादा किया गया था. लेकिन किसी को रोजगार नहीं मिला. आरजेडी ने बिहार में 10 लाख रोजगार देने की बात की, तो साजिश के तहत जीतने के बावजूद पार्टी को हरा दिया गया. लेकिन फिर भी हम जनता की आवाज बनेंगे.
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