झारखंड में FIR दर्ज होने से तेज प्रताप यादव नाराज, कहा- कमरा ना देना सरकार की गलती, सड़क किनारे थोड़ी सो जाता
तेज प्रताप यादव ने कहा कि मैंने रांची में कोरोना का टेस्ट भी करवाया था, जो निगेटव आया था. मेरे साथ 4 लोग थे उनका भी रिपोर्ट निगेटिव आया था. हम सभी रांची में सड़क के किनारे नहीं न सो जाते.
पटना: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है. सभी पार्टियां अपनी-अपनी तय रणनीति के तहत आगे बढ़ रही हैं. इसी क्रम में रविवार को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने पार्टी कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कार्यालय में चल रहे निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया. वहीं मीडिया से बात करते हुए वे बिहार और झारखंड सरकार पर जमकर बरसे.
रांची में अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने से नाराज तेजप्रताप यादव ने कहा है कि देखिए मैं 4 गाड़ियों के साथ गया था. हमारे साथ पीछे से कितनी गाड़ियां गई थी, ये मुझे नहीं पता है. जो पीछे से आ जाते हैं मैं उनके साथ लड़ नहीं सकता हूं और न ही उनको कुछ बोल सकता हूं. हमने झारखंड के मुख्य सचिव से मुलाकात भी की थी.
तेज प्रताप यादव ने कहा, " उन्होंने कहा था कि एक लेटर दे दीजिए कि आप दूसरे राज्य से आए हैं. मैंने रांची में कोरोना का टेस्ट भी करवाया था, जो निगेटव आया था. मेरे साथ 4 लोग थे उनका भी रिपोर्ट निगेटिव आया था. हम सभी रांची में सड़क के किनारे नहीं न सो जाते. हमें तो कहीं आशियाना चाहिए था. इसलिए होटल में कमरा ले लिया. झारखंड सरकार को चाहिए था कि हमें होटल उपलब्ध करवाती. हमने झारखंड से पहले मांग भी की थी कि गेस्ट हाउस दिया जाए. ये झारखंड सरकार की गलती है. झारखंड सरकार पर केस होना चाहिए."
उन्होंने कहा, " बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. बिहार में न डॉक्टर है और न दवा है. अस्पताल में जमीन पर मरीज में लिटा देते हैं. इस बार बिहार सरकार का जाना तय है. संगठन में जो आदमी काम करता है, उसके लिए टिकट का डिमांड किया है. सब लोग अपनी-अपनी राय रखने का काम करते हैं. पहले हम सर्वे करवाएंगे. फिर जिताऊ उम्मीदवार को टिकट देंगे."