पटना: आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने अपने बीमार पिता लालू प्रसाद यादव की रिहाई की मांग को लेकर एक अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान के तहत तेज प्रताप ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लालू यादव की रिहाई के बाबत पार्टी कार्यकर्ताओं और लालू समर्थकों द्वारा लिखे गए 2 लाख आजादी पत्र सौंपने का टारगेट रखा है. इस अभियान की शुरुआत सोमवार को खुद तेज प्रताप ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आजादी पत्र लिखकर की है.


पोस्टकार्ड में की कई गलतियां


हालांकि, तेज प्रताप द्वारा लिखे गए पोस्टकार्ड पर अब विवाद शुरू हो गया है. विवाद इस बात का है कि राष्ट्रपति को लिखे गए पोस्टकार्ड में तेज प्रताप ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव का नाम तक सही नहीं लिखा है. नाम के अलावा भी मुश्किल से 20 शब्दों के पोस्टकार्ड में उन्होंने कुल छह गलतियां की हैं.



तेज प्रताप द्वारा लिखे गए पोस्टकार्ड में उन्होंने 'आदरणीय श्री लालू प्रसाद जी के बदले 'आपरणीय श्री लालु प्रसाद जी' लिख दिया है. सिर्फ लालू ही नहीं, इसके अलावे भी कई गलतियां हैं. जैसे 'मसीहा' को 'मसिहा' लिखा गया है. इसी तरह 'मूल्य' को 'मुल्य', 'गरीबों' को 'गरीवों' और 'वंचित' को 'बंचित' लिखा गया है.


साजिश के तहत बना रखा है बंधक


गौरतलब है कि आरेजडी सुप्रीमो लालू यादव की रिहाई को लेकर अभियान की शुरुआत करने वाले तेज प्रताप यादव का कहना है कि बीमार लालू यादव को षड्यंत्र के तहत झूठे मुकदमे में फंसाया गया. साजिश के तहत आज तक उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है. इस केस में जितने लोग थे सबको बेल मिल गया है. लेकिन मेरे पिता जिन्होंने गरीब की आवाज बनने का काम किया, जन-जन को आवाज दी उन्हें बंधक बना कर रखा गया.


लालू यादव की रिहाई तक चलाता रहूंगा अभियान


तेज प्रताप ने सोमवार को एबीपी न्यूज से कहा था कि लालू यादव कई दिनों से बीमार हैं फिर भी उन्हें जेल में रखा गया है. ऐसे में एक बेटा होने के नाते उन्होंने संकल्प लिया है वे लालू यादव की बात जन जन तक पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा कि चाहे मेरी जान भी चली जाए, लेकिन मैं ये अभियान जारी रखूंगा. जबतक मेरे पिता जेल से निकल नहीं जाते तबतक ये आजादी पत्र लिखूंगा.


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