पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को साफ तौर पर कह दिया कि जिन्हें शराब पीना है वो बिहार में नहीं आएं. ऐसा इसलिए क्यूंकि वो किसी भी कीमत पर बिहार में शराब पीने की किसी को इजाजत नहीं देंगे. जो ये बात मानेगा वो बिहार आए अन्यथा बिहार आने की कोई जरूरत नहीं है. उनके इस बयान पर अब विवाद शुरू हो गया है. आरजेडी नेता और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
तेज प्रताप ने मुख्यमंत्री को दी सलाह
तेज प्रताप ने कहा, " मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बॉर्डर पर कुर्सी लगाकर धरने पर बैठ जाएं. बिहार के बॉर्डर पर वे हाथों में डंडा लेकर बैठ जाएं और कौन शराब पीकर आ रहा है, कौन नहीं, उसका निरीक्षण करते रहें." वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के ब्राह्मण-दलित एकता भोज पर कहा कि हमें जात-पात से कोई लेना देना नहीं है. सबको एक बराबर देखना चाहिए. सबको मिलजुल कर चलना चाहिए. खासकर मांझी को इस तरह के बयानों से बचना चाहिए.
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वहीं, यूपी विधानसभा चुनाव में मांझी और मुकेश साहनी के एक साथ चुनाव लड़ने के संबंध में कहा कि सबको मिलजुल कर रहना चाहिए. अगर साम्प्रदायिक ताकतों नेस्नाभूत करना है, खदेड़ना तो सब को एक प्लेटफार्म पर आना होगा. सब अलग थलग रहेंगे. तो वैसा ही रहेगा. प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish kumar) सोमवार को अपने समाज सुधार अभियान कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सासाराम जिले में पहुंचे. यहां उन्होंने कार्यक्रम के तहत आयोजित सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) को लेकर लोगों को जागरूक किया.
मुख्यमंत्री ने कही थी ये बात
वहीं, इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि ऐसा प्रावधान कर दीजिए, वैसा प्रावधान कर दीजिए. बाहर से आने वालों के लिए अलग नियम कर दीजिए, उन्हें पीने दीजिए. तो हम एक बात कहते हैं सुन लीजिए, मत आइए बिहार. अगर दारू नहीं पीने की वजह से आपको तकलीफ होती है, तो एकदम बिहार आने की जरूरत नहीं है. हम यहां किसी कीमत पर दारू पीने की इजाजत नहीं देंगे. आना है आइये नहीं तो मत आइये.
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