नीतीश कुमार को पत्र लिखकर टारगेट पर आए तेजस्वी, JDU MLC ने कहा- नेता प्रतिपक्ष बहा रहे घड़ियाली आंसू
जेडीयू एमएलसी संजय सिंह ने कहा, " तेजस्वी यादव आज जो रघुवंश प्रसाद के हितैषी बन रहे हैं, यदि वो उनकी अहमियत को समझते तो वह अंतिम समय में इस तरह से प्रताड़ित नहीं होते."
पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शनिवार को प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने ये मांग की है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) और रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की बिहार में प्रतिमा स्थापित करते हुए उनकी जयंती और पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित किया जाए. हालांकि, इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वे टारगेट पर आ गए हैं. जेडीयू एमएलसी संजय सिंह (MLC Sanjay Singh) ने प्रेस बयान जारी कर नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधा है. साथ ही उनकी मांग को दिखावटी बताया है.
प्रताड़ना से तंग आकर दिया त्याग पत्र
उन्होंने कहा, " लालू परिवार पहले जख्म देता है, उसके बाद उस चोट पर मरहम लगाता है. ऐसा ही वो रघुवंश प्रसाद के मामले में कर रहा है. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पहले तो रघुवंश प्रसाद को अपमानित किया, उन्हें बेइज्जत करके प्रताड़ित किया. अब वे नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि वे रघुवंश प्रसाद के हितैषी और शुभचिंतक हैं. जबकि दिवंगत नेता को लालू यादव (Lalu Yadav) के इन दोनों बच्चों ने इतना प्रताड़ित और अपमानित किया कि उन्होंने अपने अंतिम समय में आरजेडी (RJD) से त्यागपत्र दे दिया. अंतिम समय में उनको इन लोगों ने खून के आंसू रुलाया थे.
जेडीयू एमएलसी ने कहा, " तेजस्वी यादव आज जो रघुवंश प्रसाद के हितैषी बन रहे हैं, यदि वो उनकी अहमियत को समझते तो वह अंतिम समय में इस तरह से प्रताड़ित नहीं होते. वह अपने जीवन के अंतिम समय में इस तरह से दुखी होकर परलोक नहीं जाते. वे लालू परिवार और लालू यादव के दोनों बेटों से इतने दुखी हो गए थे कि उन्होंने अपने अंतिम समय में अपने पार्थिव शरीर को आरजेडी कार्यालय में ले जाने से मना कर दिया था और उसका नतीजा यह रहा था कि उनके पार्थिव शरीर को आरजेडी कार्यालय में नहीं ले जाया गया था. आज जो घड़ियाली आंसू तेजस्वी यादव बहा रहे हैं वो सिर्फ दिखावे के लिए है और कुछ नहीं."
एक लोटा पानी से कर दी तुलना
संजय सिंह ने कहा, " रघुवंश प्रसाद समाजवाद के साक्षात हस्ताक्षर थे. अगर वे किसी बात को कहते थे तो उसमें उनका अनुभव होता था. लेकिन, लालू यादव के बेटों ने उनका इस कदर मजाक उड़ाया कि उनकी तुलना एक लोटा पानी से कर दी. लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने यहां तक कह दिया कि रघुवंश प्रसाद सिंह कहीं चले जाते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ता है. एक लोटा पानी से कोई फर्क नहीं पड़ता है. इन बातों से रघुवंश से वे बहुत आहत हुए थे और टूट गए थे."
उन्होंने कहा," तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर यह कह रहे हैं कि रघुवंश प्रसाद के सपने को पूरा करना है, उनकी आदमकद प्रतिमा बनानी है. वो ये जान लें कि नीतीश कुमार समाजवाद की वह वट वृक्ष हैं, जो यह जानते हैं कि एक समाजवादी नेता समाज के विकास के लिए क्या कर सकता है और उसे क्या करना चाहिए. इसके लिए वे बहुत सजग और सचेत रहते हैं. रघुवंश प्रसाद के सपनों को वो ही पूरा कर रहे हैं. उन्होंने पहले ही भरोसा दिया था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के बनने वाले संग्रहालय के पूर्ण होने पर भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष को वैशाली में ही प्रदर्शित किया जाएगा. उसके लिए कवायद भी शुरू हो गई है."
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