पटना: बिहार के चर्चित रूपेश हत्याकांड के खुलासे को लेकर जारी विवाद के बीच सूबे के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने तेजस्वी द्वारा बिहार पुलिस और मामले की जांच पर सवाल उठाए जाने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने तेजस्वी पूछा है कि आप इतना ज्ञान कहां से लाते हो? वहीं, मांझी ने बिहार पुलिस को मामले के खुलासे पर बधाई भी दी है.


मांझी ने ट्वीट कर कही ये बात


पूर्व सीएम मांझी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि बजट पर अर्थशास्त्री, ट्रैक्टर रैली पर किसान, बार्डर पर गोली चलने पर सेना विशेषज्ञ, रूपेश मामले का खुलासा होने पर जांच अधिकारी बन जाते हो, ऐ नौंवी फेल विपक्ष आप एतना ज्ञान कहाँ से लाते हो? बधाई हो पुलिस पुलिस.






तेजस्वी ने सरकार पर बोला था हमला


बता दें कि रूपेश हत्याकांड के उद्भेदन के बाद तेजस्वी ने बिहार पुलिस और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा है कि रूपेश हत्याकांड में मैंने आज से 15 दिन पहले कह दिया था, नीतीश कुमार जी अपने नाक के बाल और आँखों के तारे को बचाने को लिए बकरा खोज रहे है. आज बिहार पुलिस ने बकरा खोज ही लिया. यक़ीन मानिए ऐसी कहानी C ग्रेड की घिसी-पिटी फ़िल्मों में भी नहीं मिलेगी. आपको पुलिस की कहानी ज़रूर सुननी चाहिए.






मालूम हो कि बुधवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुए पटना एसएसपी उपेंद्र शर्मा में बताया था कि रोडरेज में इंडिगो मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या की गई थी. हत्या में कुल चार अपराधी शामिल हैं. फिलहाल पुलिस ने एक अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि तीन अपराधी अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं. अपराधी दो बाइक पर सवार होकर आए थे और रूपेश को छह गोली मारी थी.


बाइक चोर है अपराधी


एसएसपी ने बताया था कि गिरफ्तार अपराधी पटना का आदर्श नगर निवासी रितुराज है, जिसके पिता का नौबतपुर में ईंट भट्ठी है. रितुराज बाइक चोर है और महंगी बाइक की चोरी करता है. फिलहाल पुलिस ने रितुराज के पास से चार गोली, 13 जनवरी की चार अलग-अलग अखबार, हत्या को अंजाम देने के वक़्त पहना गया कपड़ा, झोला, चोरी की अपाचे बाइक बरामद की है.


जांच में क्यूं लगा इतना वक़्त?


एसएसपी ने बताया कि हत्या की नियत से आए अपराधी जब घटना को अंजाम देने आए थे, तो बाइक का नंबर कुछ और था. लेकिन जब वह घटना को अंजाम देकर भागे तो उनके बाइक का नंबर कुछ और था. वहीं, मामले के खुलासे में हुई देरी पर उन्होंने कहा कि 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे की जांच करनी पड़ी, 600 जीबी से अधिक डेटा देखना पड़ा, कई सीडीआर की जांच करनी पड़ी, कई लोगों से पूछताछ करना पड़ा इसलिए वक़्त लगा है.


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