पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से सूबे के मुखिया सीएम नीतीश कुमार को घेरने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में गुरुवार को तेजस्वी यादाव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार को राज्य में हो रहे कोरोना जांच की संख्या को लेकर घेरने की कोशिश की है. पीसी में तेजस्वी यादव ने 3 अगस्त को हुए एक दिवसीय विधानसभा सत्र को लेकर कई प्रश्न खड़े किए और सरकार पर सच छुपाने का आरोप लगाया.
तेजस्वी ने कहा, " विपक्ष की मांग के बाद 1 दिवसीय विधानसभा सत्र में कोरोना और बाढ़ को लेकर चर्चा हुई, जिसमें सत्तापक्ष के लोगों ने सारे सवालों के सही जवाब छुपाए. बिहार सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य, आपदा और सिंचाई विभाग के मंत्री सभी ने जवाब छुपाया. हमने टेस्टिंग को लेकर सवाल खड़े किए थे. साथ ही सलाह भी दी थी कि बिहार में टेस्टिंग संख्या बढ़ाई जाए और आरटीपीसीआर टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाए."
तेजस्वी यादव ने पीसी में सत्र के दौरान का एक वीडियो दिखाया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से आरटीपीसीआर जांच की संख्या के बारे में पूछा था. तेजस्वी के सवाल के जवाब में मंगल पांडेय ने कहा था कि टोटल जांच की संख्या 6 लाख 12 हजार है, जिसमें उन्होंने 3 लाख 25 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट की बात कही थी. इस पर आंकड़े को लेकर संदेह जताते हुए तेजस्वी यादव ने दोबारा आंकड़ा पूछा था, जिसमें फिर उन्होंने एक ही बात दोहराई थी.
मंगल पांडेय के वीडियो के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रेस रिलीज दिखाया जिसमें जांच के आंकड़े कुछ और थे. इस संबंध में तेजस्वी यादव ने कहा, " कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी. उसी बैठक को लेकर मुख्यमंत्री ने यह प्रेस रिलीज जारी किया था और इसमें जो आंकड़े जारी किए गए हैं वो दो अगस्त तक के ही हैं और मंगल पांडे ने जो आंकड़े दिए थे वो भी दो अगस्त तक के थे. लेकिन सीएम के प्रेस रिलीज के अनुसार आरटीपीसीआर जांच की कुल संख्या 6100 है.
तेजस्वी ने कहा, " सीएम नीतीश के अनुसार अबतक जितने जांच हुए उसका केवल 10 प्रतिशत ही आरटीपीसीआर जांच है. लेकिन मंगल पांडे के कथनानुसार 52.09% आरटीपीसीआर जांच हुआ. अब वो यह बताएं कि ये बेवकूफ किसे बना रहे हैं, धोखा किसे दे रहे हैं? सदन में रहकर सदन को गुमराह करना कितना उचित है?
वहीं वीडियो के संबंध में उन्होंने कहा, " हमें पता था कि यह लोग झूठ बोल रहे हैं, आंकड़ो के साथ फर्जीवाड़ा कर रहे हैं, आंकड़े छुपा रहे हैं. इसलिए हमने स्वास्थ्य मंत्री से आंकड़ो को रिपीट करने को कहा था."