पटनाः नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बिहार सरकार को केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है. ऑक्सीजन और वैक्सीन के आवंटन में भी भेदभाव किया जा रहा है. घनी आबादी, आधारभूत स्वास्थ्य संरचना की भारी कमी के लिहाज से बिहार का जो कोटा निर्धारित होना चाहिए उसमें भारी कटौती की गई है. केंद्र सरकार बिहार के साथ सौतेला बर्ताव क्यों कर रही है.


तेजस्वी यादव ने एनडीए के नेताओं से आग्रह करते हुए कहा कि वो निडर होकर दलगत भावना से ऊपर उठकर इस महामारी में बिहार के हक के लिए आवाज उठाएं. यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि दवा व इलाज के अभाव में किसी की भी जान नहीं जाए. बिहार से क्षेत्रफल और आबादी में 5-6 गुणे छोटे प्रदेशों जैसे हरियाणा, गुजरात इत्यादि को दवा, ऑक्सीजन, वैक्सीन इत्यादि का आवंटन अधिक क्यों किया गया है.


ईएसआईसी के पटना मुजफ्फरपुर के अस्पतालों का हो पूर्ण संचालन


बिहार में ईएसआईसी के दो अस्पताल पूर्ण क्षमता के साथ संचालित क्यों नहीं किए जा रहे हैं. कितने दिनों से हाथ जोड़ प्रार्थना कर रहा हूं कि बिहार में अवस्थित 500 से अधिक बिस्तरों से सुसज्जित ईएसआईसी के पटना, मुजफ्फरपुर के दोनों अस्पतालों का पूर्ण संचालन शुरू कर दिया जाए लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है चाहे लोग मरते रहें.


तेजस्वी ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री, दो-दो उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और किसी भी सांसद की हैसियत नहीं कि इन अस्पतालों को यथाशीघ्र शुरू करवा सकें? क्या बिहार और केंद्र सरकार मिल कर कुछ समय के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की इन ईएसआईसी अस्पतालों में अस्थाई नियुक्ति नहीं कर सकती ताकि मरीजों को वापस लौटना और मरना ना पड़े. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने असहाय, कमजोर और डरपोक क्यों हैं? वो खुलकर केंद्र के सामने विरोध प्रकट क्यों नहीं कर रहे हैं?


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