Bihar Politics: विभागीय बजट से भी अधिक तेजस्वी की संपत्ति! JDU MLC ने लगाया आरोप, कहा- बुलडोजर चलवाया जाए
नीरज कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि बिहार सरकार के परिवहन विभाग की कुल योजना 394 करोड़ की है. गन्ना उद्योग की योजना 120 करोड़ है, लेकिन तेजस्वी यादव के पास इन सबसे कहीं बढ़कर संपत्ति है.
पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को काफी हंगामेदार रहा. सदन में सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) पर आगबबूला हो गए. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को कड़े तेवर दिखाए तो विपक्ष में बैठी आरजेडी (RJD) को सत्ता पक्ष को घेरने का मौका मिल गया. ऐसे में सदन में हुई बहस के मुद्दे आरजेडी ने मुख्यमंत्री पर जमकर हमला किया. पूरे दिन मुख्यमंत्री चर्चा में रहे.
जेडीयू एमएलसी ने तेजस्वी पर लगाया आरोप
एक तरफ जहां आरजेडी ने उन्हें घेरने का प्रयास किया. वहीं, दूसरी ओर जेडीयू (JDU) ने भी इन मुद्दों से हटकर लालू परिवार (Lalu Family) को घेरा. जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर 396 करोड़ की संपत्ति सिर्फ पटना में होने का आरोप लगाया.
एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि हमने आज सदन में विभाग को प्रतिवेदन दिया है कि सीलिंग एक्ट-1961 से हट कर लालू यादव के परिवार के पास 43 बीघा 12 कट्ठा 16 धुर जमीन सिर्फ पटना जिले में अलग-अलग जगहों पर है. ये संपत्ति तेजस्वी यादव और तरुण के नाम से हैं, जिनकी की कीमत 396 करोड़ रुपये है.
विभाग के बजट से ज्यादा संपत्ति
नीरज कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि बिहार सरकार के परिवहन विभाग की कुल योजना 394 करोड़ की है. गन्ना उद्योग की योजना 120 करोड़ है, लेकिन तेजस्वी यादव के पास इन सबसे कहीं बढ़कर संपत्ति है. साथ ही नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव से सवाल करते हुए कहा कि उन्हें जवाब देना चाहिए कि ये संपत्ति किसकी है. वो कभी तरुण यादव तो कभी अन्य अगल-अलग नामों से संपत्ति अर्जित कर रहे हैं. ये हमेशा गरीब, दलित, अल्पसंख्यक की बात करते हैं कि वो भूमिहीन है. तेजस्वी यादव के पास इतनी संपत्ति है तो ये लोग गरीब-भूमिहीनों को जमीन क्यों नहीं देते.
मामले की जांच की मांग
एमएलसी नीरज कुमार ने सरकार से अपील करते हुए कहा, " मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि ऐसे मामलों की जांच की जाए और बुलडोजर चलावाया जाए." बता दें कि जब-जब चुनाव आते हैं, तब-तब लालू परिवार पर आय से अधिक संपत्ति के मामले को लेकर बीजेपी-जेडीयू हमलावर रहती है. इससे पहले 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की ओर से तात्कालिन उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इस मुद्दे को उठाया था. लेकिन मजे की बात यह रही कि आज तक इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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