छपरा: बिहार के छपरा जिला निवासी इंडिगो मैनेजर रूपेश सिंह की मंगलवार को पटना के शास्त्रीनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रूपेश की हत्या के बाद से विवाद जारी है. इन्हीं विवादों के बीच रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रूपेश सिंह के परिजनों से मिलने उनके गांव पहुंचे. परिजनों से मिलकर तेजस्वी ने उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. साथ ही रूपेश के पिता को हर तरह से मदद करने की बात कही.
सीबीआई को सौंपी जाए जांच
परिजनों से मुलाकात कर लौटने के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार से कुछ नहीं होने वाला, इसकी जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए. बिहार में अपराधियों को संरक्षण देने का काम किया जा रहा है. घटना को 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक अपराधियों की गिरफ्तारी तो दूर मामले से जुड़े अहम सुराग भी पुलिस के हाथ नहीं लगी है.
थक चुके हैं नीतीश कुमार
सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि आपके नाक के नीचे अपराधी बिहार चला रहे हैं और आपसे कुछ नहीं हो रहा. आप थके हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों से सत्ताधारी दल के नेता यहां आ रहे हैं. लेकिन वो केवल फ़ोटो खींचाते हैं, परिजनों को कोई दिलासा नहीं देते.
पीड़ित परिवार को सिक्युरिटी दे सरकार
तेजस्वी ने कहा कि यह बड़े ही आश्चर्य की बात है कि मुख्यमंत्री आवास से महज दो किलोमीटर दूर किसी शख्स को गोलियों से भून दिया जाता है. इससे भी बड़ा प्रश्न ये है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी पीड़ित परिवार को कोई सिक्युरिटी नहीं दी गयी है. ऐसे में मेरी मांग है कि सबसे पहले पीड़ित परिवार को सिक्युरिटी दी जाए.
घटना में मंत्रियों की संलिप्तता का लगाया आरोप
मीडिया से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने सत्ता पक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं पहले से ही कह रहा हूं कि हो सकता घटना में कुछ बड़े लोग शामिल हो, या ये भी हो सकता है कि सरकार का कोई मंत्री शामिल हो क्योंकि पहले के कई घटनाओं में ऐसा देखा जा चुका है. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि बड़े चेहरे को बचाने के लिए मामले को दबाया जा रहा है. क्या यही वजह है कि शो इन्वेस्टिगेशन कर केस को रफा-दफा करने का काम किया जा रहा है.
पीड़ित परिवार से मुलाकात करें मुख्यमंत्री
उन्होंने सीएम नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि इतनी बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं और नीतीश जी बाहर नहीं निकल रहे. माना कि आप अपराध नहीं रोक सकते लेकिन कम से कम पीड़ितों से मिलकर उनका दुख तो बांटिए. उनके भविष्य के बारे में तो सोचिए. अगर आप इतना भी नहीं कर सकते तो मुख्यमंत्री होने का फायदा क्या है.