पटना: नियोजन घोटाला के आरोपी जेडीयू नेता मेवालाल चौधरी को जेडीयू कोटे से मंत्री बनाए जाने के बाद नीतीश कुमार विवादों में घिर गए हैं. विपक्ष लगातार इस बात को लेकर उनपर निशाना साध रही है. इसी क्रम में बुधवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सूबे के मुखिया नीतीश कुमार पर मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाने को लेकर हमला बोला है.


तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा, " भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भगोड़े आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया. अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया. सत्ता संरक्षित अपराधियों की मौज है. रिकॉर्डतोड़ अपराध की बहार है. लेकिन कुर्सी खातिर अपराध, भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे."





इससे पहले मंगलवार को आरजेडी ने भी मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाए जाने पर नीतीश कुमार को घेरा था. आरजेडी ने ट्वीट कर लिखा था कि जिस भ्रष्टाचारी जेडीयू विधायक को सुशील मोदी जी खोज रहे थे उसे भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश कुमार ने मंत्री पद से नवाजा. यही है 60 घोटालों के संरक्षणकर्ता नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र. यह आदमी कुर्सी के लिए किसी भी निम्नतम स्तर तक गिर सकता है.


दरसअल, नीतीश कुमत की नेतृत्व गठित एनडीए की सरकार में तारापुर विधायक मेवा लाल चौधरी को शिक्षा विभाग की जिममेदारी सौंपी गई है. हालांकि, कभी पार्टी से निष्कासित किए गए नियुक्ति घोटाले में आरोपित मेवालाल चौधरी को कैबिनेट में जगह देकर नीतीश कुमार फंस गए हैं.


बता दें कि मेवा लाल चौधरी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं. 2010 में जब उनको जब कृषि विश्वविद्यालय, सबौर का कुलपति बनाया गया तो उनकी पत्नी नीता चौधरी जेडीयू से विधायक बनीं. लेकिन जब नियोजन घोटाले में उनका नाम आया और तभी विपक्ष में रहे सुशील मोदी ने जब सदन में यह मुद्दा उठाया तो नीतीश कुमार को मेवालाल चौधरी को पार्टी से निष्कासित करना पड़ा था. हालांकि, जेडीयू ने 2015 में फिर उन्हें टिकट दिया, जिसके बाद वे तारापुर ने विधायक निर्वाचित हुए और इस बार उन्हें मंत्री बनाया गया है.