(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
तेजस्वी ने CM नीतीश पर साधा निशाना, कहा- झूठ के बादल सच के सूरज को छुपा नहीं सकते
तेजस्वी ने कहा कि राजद कार्यकाल को सतत दुष्प्रचार द्वारा 'जंगलराज' कहकर बदनाम किया गया, जबकि एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि नीतीश-बीजेपी राज ही असल महाजंगलराज है.
पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन के दौरान सीएम नीतीश पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़े पेश करते हुए सीएम नीतीश पर आरोप लगाया कि उन्होंने प्रोपेगैंडा के तहत लालू-राबड़ी शासनकाल को जंगल राज की संज्ञा दी है. जबकि आंकड़ों से ये स्पष्ट होता है कि मौजूदा सरकार में आपराधिक घटनाओं की संख्या अधिक है.
तेजस्वी ने ट्वीट कर सीएम नीतीश पर साधा निशाना
इसी क्रम में बुधवार को उन्होंने सदन में दिए गए अपने संबोधन की एक वीडियो ट्वीट करते हुए सीएम नीतीश पर फिर से निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राजद कार्यकाल को सतत दुष्प्रचार द्वारा 'जंगलराज' कहकर बदनाम किया गया जबकि एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि नीतीश-बीजेपी राज ही असल #महाजंगलराज है. वह भी तब जब वर्तमान बिहार तत्कालीन एकीकृत बिहार (झारखंड) से क्षेत्रफल और जनसंख्या में बहुत छोटा है. झूठ के बादल सच के सूरज को छुपा नहीं सकते.
राजद कार्यकाल को सतत दुष्प्रचार के द्वारा 'जंगलराज' कहकर बदनाम किया गया जबकि NCRB के आँकड़े बताते है कि नीतीश-BJP राज ही असल #महाजंगलराज है।वह भी तब जब वर्तमान बिहार तत्कालीन एकीकृत बिहार(झारखंड)से क्षेत्रफल और जनसंख्या में बहुत छोटा है। झूठ के बादल सच के सूरज को छुपा नहीं सकते। pic.twitter.com/ZVUtfN7LGh
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 24, 2021
तेजस्वी ने पेश किए थे ये आंकड़े
बता दें कि कल सदन में तेजस्वी ने तेजस्वी ने अपने संबोधन में 1990 से 2005 के बीच लालू प्रसाद के 15 साल के शासन काल के और उसके बाद के 13 सालों के एनडीए शासन काल से संबंधित एनसीआरबी के आंकडे पेश किए थे. उन्होंने कहा कि जब लालू प्रसाद ने राज्य की बागडोर संभाली तो साल 1990 में संज्ञेय अपराधों की संख्या 1,24,414 थी और यह संख्या 1995 में घटकर 1,15,598 रह गई थी.
आरजेडी नेता ने बताया था कि बिहार देश में अपराध के मामले में साल 2000 में 23वें स्थान पर था और 2005 में लालू प्रसाद के सत्ता छोड़ने के समय यह संख्या और घटकर 97,850 हो गई थी. लेकिन 2010 में मामलों की संख्या बढ़कर 1,27,453 हो गई और 2015 और 2018 में यह संख्या क्रमशः बढ़कर 1,76,000 और 1,96,911 हो गयी. तेजस्वी ने कहा था कि इससे पता चलता है कि लालू प्रसाद के खिलाफ जंगल राज का झूठा प्रचार शुरू किया गया जबकि आंकड़े कुछ और ही दर्शाते हैं.
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