पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए सदन में मौजूद सदस्यों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राज्यपाल अभिभाषण में सरकार द्वारा लिखी बातें पढ़ते हैं. लेकिन वो बातें सच्चाई से दूर हैं. चुनाव के बाद सरकार बनी कैसे बनी सबको पता है. ऐसे में अब कम से कम चुनाव के दौरान जो वादा किया गया था, उसे पूरा किया जाए.


तेजस्वी ने कहा कि जो पार्टी आत्मनिर्भर भारत और बिहार की बात करती है, वो पहले खुद तो बिहार में आत्मनिर्भर बन जाए. बिहार में बीजेपी तब ही आत्मनिर्भर बनेगी जब बिहार नीतीश मुक्त होगा. नीतीश कुमार तो 'बड़का झूठा पार्टी' की गोद में बैठ गए हैं. उनकी स्टेफनी बन गए हैं. या ये कह लीजिए कि सीएम नीतीश बीजेपी की कठपुतली बन गए हैं.


जेडीयू का पत्ता भी नहीं खुलता


उन्होंने कहा कि बिहार के हर क्षेत्र में आज बदहाली है. सीएम कहते हैं वो 'थ्री सी' से समझौता नहीं करते हैं. लेकिन मौजूदा समय में बिहार को अपराधियों को सौंप दिया गए है. 75 घोटाले हुए हैं. संप्रदायिकता की बात ना ही करें, तो बेहतर है. वहीं, तेजस्वी ने सीएम नीतीश के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि हमलोग ए, बी, सी, डी नहीं जानते हैं, तब उन्हें 40 पर ले आए. एक्स, वाई, जेड जानते तो पत्ता ही नहीं खुलता. खैर फिलहाल हम एक्स, वाई, जेड की तैयारी कर रहे हैं.


तेजस्वी ने एनडीए के 20 लाख रोजगार के वादे पर हमला बोलते हुए कहा कि 20 लाख रोजगार देने की बात होती है. लेकिन कोई रोडमैप नहीं है, केवल घोषणा की गई है. यह सरकार पेपर पर चल रही है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने पर कोई चर्चा नहीं होती है. कोई जुबान नहीं खोलता. ऐसे में डबल इंजन की सरकार का क्या फायदा हुआ? बिहार को कौन सा विशेष पैकेज मिला? लालू यादव के समय पैकेज मिला था.


हमलोग जुमला पार्टी नहीं हैं


उन्होंने कहा कि हमपे व्यक्तिगत हमले किए जाते हैं. हम भतीजे के उम्र के हैं उनके, लेकिन मुझे क्या-क्या नहीं बोला जाता. हमने 10 लाख को नौकरी देने की बात कही थी और हमलोग हवा में बात नहीं करते. हमलोग जुमला पार्टी नहीं हैं. हमने रोडमैप के तहत बात की थी. हवाहवाई बात नहीं की थी. 10 लाख ही क्यूं कहा ये समझने की जरूरत है.


तेजस्वी ने सदन में कहा कि माना कि हमें कोई ज्ञान नहीं है. लेकिन सीखने की भूख है. किसी भी उम्र में सीखना गलत नहीं है. परेशानी होगी, लेकिन सीख जाएंगे. जानकारी मिलेगी तो बोलेंगे ही. जानकारी मिलने के बाद मामले की जांच होनी चाहिए, लेकिन वो नहीं किया गया. विपक्ष पर हमला किया जा रहा है. पर अब क, ख, ग, घ की आगे गाड़ी बढ़ानी चाहिए. हमें इसका व्यवहारिक ज्ञान है और ये काफी है.


यह भी पढ़ें - 


बिहार के इन जिलों में कोरोना फिर से पसार रहा पांव, विभाग ने 'होम टू होम' जांच करने का दिया आदेश



CM नीतीश ने तेजस्वी के आरोपों पर किया पलटवार, कहा- बोलने वाले बोलते रहें, काम होता रहेगा