पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 26 मार्च को बिहार बंद का एलान किया है. बिहार विधानसभा में हुई घटना से नाराज तेजस्वी यादव ने विपक्ष की सभी पार्टियों के साथ मिलकर बिहार बंद का एलान किया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बिहार विधानसभा में विपक्ष के विधायकों को पीटा गया है, वो मैं भूलने वाला नहीं हूं. इसलिए 26 को हम सभी मिलकर मजबूती से इस मुद्दे को सड़क पर उठाएंगे. इसके साथ ही बेरोजगारी, किसान समेत अन्य मुद्दों पर भी आवाज बुलंद की जाएगी.
तेजस्वी ने सीएम नीतीश से पूछा ये सवाल
राबड़ी आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने सीएम नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ा झूठ इंसान कोई नहीं है. उन्होंने कहा, " मुख्यमंत्री जी मर्यादा की बात कर रहे हैं, ये तब कहां थे, जब उनके मंत्री स्पीकर को उंगली दिखा कर सदन के अंदर बदतमीजी कर रहे थे. तब क्या उन्हें मर्यादा का ख्याल नहीं आया. "
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इतिहास पता होना चाहिए. ये कोई पहली बार अध्यक्ष के चेंबर को नहीं घेरा गया था. उन्हें अपनी यादाश्त तेज करनी चाहिए. लोकनायक कर्पूरी ठाकुर के समय में अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ कर सदन चलाया गया था. तभी तो किसी ने पुलिस नहीं बुलाई थी. लेकिन, उन्होंने पुलिस बुलायी. जेडीयू की पुलिस ने लोकतंत्र के मंदिर में विधायकों को लात-घूंसों से पीटा. महिला विधायकों के कपड़े खोले गए.
बिहार पुलिस अब हो गई जेडीयू पुलिस
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में धमकी दी, मुझे धमकाया. हर बात पर आग बबूला हो जाते हैं. इस बार के सत्र मंत्रियों ने बहस का स्तर गिराया. बंदूक के बल पर बिल पेश किया गया और उसे पास कराया गया. बिहार पुलिस अब जेडीयू पुलिस हो गई है. लेकिन, हम बीजेपी के लोग नहीं हैं, जो लाठी डंडे से डर जाएं. ऐसे में 26 तारीख को किसानों का मुद्दा तो है ही, हम सभी बेरोजगारी और जो विधायकों के साथ मारपीट किया गया, उसके विरोध में बिहार बंद करेंगे.
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