पटना: जवाहरलाल नेहरू लाइब्रेरी (Jawaharlal Nehru Library) का नाम बदलने पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने रविवार को कहा कि बीजेपी (BJP) के लोग तो इतिहास ही बदलना चाहते हैं. हम लोग पहले से ही बोल रहे हैं. इसमें नया क्या है? इन लोगों को काम से कोई मतलब नहीं है. आरएसएस (RSS) का अपना एजेंडा है उसको संविधान की जगह पर लागू करना चाहते हैं. ये लोग देश को तोड़ना चाहते हैं. देश से अमन-चैन खत्म करना चाहते हैं, मतभेद पैदा करना चाहते हैं. एक दूसरे के प्रति घृणा पैदा करना चाहते हैं. डायवर्सिटी इस देश की खूबसूरती है और इसको भी खत्म करना चाहते हैं.


नाम बदल दिया गया और राज्यों पर भार डाल दिया गया है- तेजस्वी यादव


तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी वाले केवल राजा की तरह राज करते. नाम बदलने से क्या हो जाएगा? इसका क्या मतलब है. कई योजनाओं का इन्होंने नाम बदल दिया और राज्यों पर इतना भार डाल दिया. पहले केंद्र और राज्य के बीच 90:10 प्रतिशत का हिस्सा था. नाम बदल दिया गया और राज्य के ऊपर 50:50 प्रतिशत का हिस्सा करके भार बढ़ा दिया गया. योजनाओं का नाम बदला है, संस्थानों का नाम बदला है. काम क्या हुआ है? इससे कोई फायदा नहीं हुआ है.


नाम बदलने को लेकर बढ़ा विवाद


एनएमएमएल का नाम अब 'प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी' कर दिया गया है. तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास था. संस्कृति मंत्रालय ने बीते शुक्रवार को कहा था कि एनएमएमएल की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलने का फैसला किया गया है. सोसाइटी के उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी. सरकार ने कहा कि हमारे सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के सम्मान में नया नाम दिया गया है. वहीं, दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने को लेकर विवाद छिड़ गया है.


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