पटना: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन पर बात करते हुए कहा कि हम इस उद्घाटन समारोह कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे. तेजस्वी यादव ने कहा ''राष्ट्रपति संसद का हेड होता है. राष्ट्रपति का अपमान किया जा रहा है.'' 


दरअसल विपक्ष की मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए. ऐसे में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. संसद के नए भवन का उद्घाटन 28 मई को किया जाएगा.  


बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना में कहा ''हमारी सभी लोगों से बात हुई है हम लोग इसका बहिष्कार करेंगे. हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा होना चाहिए क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है.''


इस बारे में कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह उचित समय पर उचित फैसला करेगी कि संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होना है या नहीं. पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस समारोह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दूर रखकर उनका और पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, जो एक सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर यहां तक पहुंची हैं, उनका अपमान क्यों हो रहा है? क्या अपमान इसलिए हो रहा है कि वह आदिवासी समाज से हैं या फिर उनके राज्य (ओडिशा) में चुनाव नहीं है?''


जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने क्या कहा?


वहीं जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया इस समारोह में जेडीयू हिस्सा नहीं लेगी. उन्होंने इसे लेकर पैसे की बर्बादी करने का आरोप लगाया साथ ही कहा कि अग्निवीर योजना के तहत जो लोग सैनिक बनेंगे उनको पेंशन नहीं दी जाएगी. इसके लिए केंद्र सरकार के पास पैसा नहीं है, जहां जरूरत है वहां पैसों का इस्तेमाल केंद्र सरकार नहीं कर रही है. वहीं तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि वे उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.


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