'प्रधानमंत्री बिहार आएंगे तो…', तेजस्वी ने कर दी बड़ी मांग, विपक्षी एकता पर बोले- सिर्फ एक नेता से नहीं हो पा रही बात
Lok Sabha Election 2024: तेजस्वी यादव गुरुवार को मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री आ रहे हैं तो अच्छी बात है. कोई भी कहीं भी आ-जा सकता है. वे तो प्रधानमंत्री हैं.
पटना: 30 मई से 30 जून तक बीजेपी की ओर से बिहार में जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है. उसके तहत कई जिलों में कार्यक्रम किए जा रहे हैं. जून में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बिहार दौरे पर आ सकते हैं. इसकी सूचना पहले ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने दे दी है. हालांकि अभी तिथि की घोषणा नहीं की गई है. प्रधानमंत्री के आगमन पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने गुरुवार (8 जून) को मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए फिर से बड़ी मांग कर दी है.
तेजस्वी ने मीडिया से कहा कि इन सब बातों को छोड़िए. प्रधानमंत्री आ रहे हैं तो यह अच्छी बात है. कोई भी कहीं भी आ-जा सकता है, वे तो प्रधानमंत्री हैं. अगर प्रधानमंत्री आ रहे हैं तो कुछ बिहार के लिए ध्यान दें. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दें. विशेष पैकेज देने की घोषणा करें. असल बात यह है कि यह लोग डरे हुए हैं, कितना बार तो अमित शाह आए हैं.
सभी पार्टी के लीडर रहेंगे मौजूद: डिप्टी सीएम
पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि देश की सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ही सुझाव दिया था कि पहली बैठक पटना में हो और सबकी सहमति बन गई. तेजस्वी ने कहा कि जेपी आंदोलन की शुरुआत बिहार से ही हुई थी. कोई आंदोलन, बड़े परिवर्तन या बदलाव की बात आती है तो बिहार से ही इसकी शुरुआत होती है. इसका पुराना इतिहास रहा है. इस बार भी बिहार से विपक्षी एकता की शुरुआत होने जा रही है. सभी पार्टी के लीडर रहेंगे, प्रतिनिधि नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि सिर्फ केसीआर से बात नहीं हो पा रही है. बाकी 15 पार्टी के मुख्य लीडर बैठक में भाग लेंगे. कांग्रेस से राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी रहेंगे.
'रिपोर्ट के आधार पर हो रहा है काम'
वहीं भागलपुर में पुल गिरने के मामले पर बीजेपी द्वारा सीबीआई से जांच कराने की मांग पर तेजस्वी यादव ने कहा कि यह पुल पहले भी गिरा था. उस समय बीजेपी की सरकार थी. बीजेपी के ही पथ निर्माण मंत्री थे तो फिर सीबीआई से जांच क्यों नहीं करवाई गई थी? हम इसे पॉलिटिकल नहीं होने दे रहे हैं. सारी चीजें हैं, रिपोर्ट है उसी आधार पर काम हो रहा है.